Jodhpur Violence Update: राजस्थान के जोधपुर में ईद के मौके पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 97 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले को लेकर मंगलवार को एक निर्देश जारी करते हुए बताया गया कि क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है साथ ही, अगले कुछ दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
Jodhpur Violence Update: 10 थाना क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम हिमांशु गुप्ता ने मंगलवार से क्षेत्र में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। यह कर्फ्यू फिलहाल 10 थाना क्षेत्रों में ही लगाया गया है। इस कर्फ्यू के दौरान सभी स्कूल भी अगले दो दिनों तक बंद रहेंगे। केवल उन्हीं स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई है जिनमें बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया गया है, साथ ही सभी परीक्षा देने वाले छात्रों को अपना एडमिट कार्ड कर्फ्यू मूवमेंट पास के तौर पर इस्तेमाल करना होगा।
Jodhpur Violence Update: सीएम अशोक गहलोत ने लोगों से किया आग्रह
सीएम अशोक गहलोत ने जोधपुर हिंसा के बाद अपने जन्मदिन कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया है। सीएम गहलोत ने हाईलेवल मीटिंग करने के बाद सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सीएम गहलोत ने प्रदेश के गृहमंत्री राजेन्द्र यादव और प्रभारी मंत्री को हेलीकॉप्टर से जोधपुर जाकर मामले को जानने और समझने का भी आदेश दिया है।
Jodhpur Violence Update: इन थाना क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू
हालात पर काबू पाने के लिए मंगलवार दोपहर 2 बजे से राज्य के दस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इन थाना क्षेत्रों उदयमंदिर, सदर कोतवाली, सजर बाजार, नागोरी गेट, खांडा फलसा, प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर, सूरसागर व सरदारपूरा शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यह कर्फ्यू 4 मई यानी आज की मध्यरात्रि तक लागू कर दिया है।
Jodhpur Violence Update: क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 2 मई की रात विवाद की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा के पास लगे एक झंडा हटाने को लेकर शुरू हुई। जोधपुर में इन दिनों तीन दिवसीय परशुराम जयंती महोत्सव चल रहा है। उसी कड़ी में जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकंद की बिस्सा के चौराहे पर भगवा ध्वज फहराए हुए थे।
Jodhpur Violence Update: हालांकि, प्रशासन ने ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर सोमवार को दोपहर में भगवा ध्वज उतरवा लिए थे। लेकिन रात होते-होते विशेष वर्ग के लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा पर चढ़कर ध्वज लगाकर उनके चेहरे को टेप से ढक दिया था। इस बात को लेकर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा के समर्थकों ने समुदाय विशेष वर्ग के लोगों से इस्लामिक ध्वज उतारने की अपील की। जिसके बाद विवाद बढ़ता गया और इस विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया। जिसमें दोनों पक्ष के लोग आमने-सामने आ गए और मारपीट शुरू हो गई।
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