देश की राजधानी में जनता और सरकार दोनों सो रहे हैं और दोनों मिलकर प्रकृति को भी सुलाने में लगे हैं। हालांकि एनजीटी समय रहते सरकार को जगाने का काम किया है और सरकार अब प्रदूषण के रोकथाम के लिए कड़े फैसले लेने को मजबूर है। दरअसल, दिल्ली में जहरीली गैस के मुद्दे पर गुरुवार को हाईकोर्ट और एनजीटी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ऑड-ईवन लाने पर विचार करें और पर्यावरण मंत्रालय इस मुद्दे पर तीन दिन में बैठक बुलाए। इसी को देखते हुए सरकार ऑड-ईवन फॉर्मूला दोबारा लागू करने जा रही है। इस बार 13 नवंबर से 17 नवंबर तक इस फॉर्मूले को लागू किया जाएगा।
दिल्ली में ऑड इवन का यह तीसरा चरण होगा। एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ‘आपने दिल्ली को गैस चैम्बर बना दिया है।‘ वहीं एनजीटी ने राज्य में निर्माण कार्य को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकार को आदेश दिए गए हैं कि वह राष्ट्रीय राजधानी से सटे इलाकों में फसलों को जलाने से रोकने के लिए कदम उठाए। एनजीटी ने कहा कि आप सभी पक्षों के लिए ये बेहद शर्मनाक है कि आप आने वाली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं। एनजीटी ने फटकार लगाते हुए कहा कि खुलेआम निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन आप लोग इसे रोक नहीं पा रहे हो।
सरकार के तरफ से ऑड-ईवन को लेकर आधिकारिक बयान भी जारी हो गया है। ऑड ईवन फ़ार्मूले को लागू करने की घोषणा दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने की। सरकार के मुताबिक इस बार भी महिला ड्राइवरों को छूट दी गई है। दोपहिया और सीएनजी वाहनों को ऑड ईवन से बाहर रखा गया है। टैक्सी और ऑटो ऑड ईवन के दायरे में आएंगे। यह नियम सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक लागू रहेगा। बता दें कि इसे तीसरी बार लागू करने पर प्रदूषण स्तर में 20 फ़ीसदी की कमी आएगी। सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की हवा जहरीली है। पीएम 10 का स्तर जहां 100 होना चाहिए 986 को छू गया है और पीएम 2.5 का स्तर 60 होना चाहिए वो 420 पर है। ये हालत बीते एक हफ़्ते से बरकरार है। याद दिला दें कि ऑड-ईवन के समय पहले दिन ऑड नंबर वाली और दूसरे दिन इवन नंबर वाली गाड़ियां चलेंगी। दोनों ही टाइप की नंबर वाली गाड़ियां तब एक साथ सड़क पर नहीं दिखाई देंगी और अगर दिखाई दी तो पुलिस आप पर कार्रवाई कर सकती है।