रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने देश के सभी कॉमर्शियल बैंकों को 26 डिफॉल्टरों की दूसरी सूची भेजी है। इन  डिफॉल्टरों पर करीब 2 लाख करोड़ रुपए बकाया है। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि इन सभी डिफॉल्टरों को दिवालिया घोषित करने से पहले इनसे कर्ज वसूली करने की कोशिश करें। ऐसा न हो पाने पर ही सभी डिफॉल्टरों को बैंकरप्सी कानून के तहत दिवालिया घोषित किया जाए। कर्ज वसूलने के लिए आरबीआई ने सभी बैंकों को 13 दिसंबर तक का समय दिया है।

कर्ज ना वसूल पाने की स्थिति में बैंक ऐसे डिफॉल्टरों को दिवालिया घोषित करने के लिए स्वतंत्र होंगे। दिवालिया घोषित करने की इस प्रक्रिया में बैंकों को 31 दिसंबर तक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में बैंकरप्सी कानून के तहत मुकदमा दर्ज करना होगा।

सूत्रों के अनुसार, डिफॉल्टरों की इस सूची में वीडियोकॉन, उत्तम गाल्वा, एस्सार प्रोजेक्ट्स, जयप्रकाश एशोसिएट्स, रुचि सोया और मनोत पावर, विसा स्टील, ऑर्चिड केमिकल्स जैसे कंपनी शामिल हैं। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर 44,000 करोड़ रुपए और रुचि सोया पर 10,000 करोड़ रुपए का बकाया है।

आरबीआई ने इससे पहले 13 जून 2017 को 12 डिफॉल्टरों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में एस्सार स्टील, भूषण स्टील, एबीजी शिपयार्ड, इलेक्ट्रोस्टील और अलोक इंडस्ट्रीज जैसी कंपनी बड़े डिफॉल्टर के तौर पर शामिल थे। रिजर्व बैंक ने इन कंपनियों के खिलाफ बैंकों से कार्रवाई शुरू करने को कहा था। बैंकों ने इनमें से 11 के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

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आपको बता दें कि इन दोनों सूची की हर डिफॉल्टर कंपनी पर 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का रकम बकाया है।

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