प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के सभी अंगों से साथ मिलकर काम करने और नौकरशाही को जल्द निर्णय लेने का मंत्र दिया है। उन्होंने कहा अच्छी मंशा के साथ ईमानदारी से किए गए फैसलों को सरकार हमेशा प्रोत्साहित करेगी। प्रधानमंत्री ने ये बातें 70 से ज्यादा अवर सचिवों और संयुक्त सचिवों के साथ बैठक के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सुशासन अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
पीएम मोदी ने अधिकारियों से भारत के 100 सबसे पिछड़े जिलों पर अधिक ध्यान देने की अपील की जिससे विकास के विभिन्न मानदंडों पर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सके।
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प्रधानमंत्री कार्यालय के जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विकास और सुशासन का गठजोड़ नागरिकों के कल्याण के लिए आवश्यक हैं। सभी अधिकारियों को गरीबों को और आम जनता को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वह अपनी सेवा के पहले तीन साल की ऊर्जा और क्षमता को याद करते हुए प्रतिभाओं को बढ़ावा दें।
प्रधानमंत्री का कहना है कि जल्दी प्रभावी निर्णय लेने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया सकारात्मक आशाओं के साथ भारत की ओर देख रही हैं। पूरी दुनिया को लगता है कि सफल भारत वैश्विक संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
इस बातचीत में अधिकारियों ने भी डिजिटल एवं स्मार्ट शासन, प्रशासनिक प्रक्रिया, जवाबदेही, पारदर्शिता, कौशल विकास, स्वच्छ भारत, उपभोक्ता अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और 2022 तक नए भारत के निर्माण सहित विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखें।
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