दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अली बाबा भारत में अपनी सर्विसेज तेजी से बढ़ा रहा है। अली बाबा के मोबाइल प्लेटफॉर्म यूसी ब्राउजर ने भी भारत में निवेश किया है और इसका न्यूज ऐप भी है। लेकिन अब भारतीय उपभोक्ताओं के मोबाइल डेटा को कथित तौर पर लीक करने के मामले में सरकार यूसी ब्राउजर की जांच कर रही है।
जी हां, यूसी पर भारतीय अधिकारियों की पैनी नजर है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस मामले में दोषी पाए जाने पर यूसी ब्राउजर को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
बता दें कि यूसी के बारे में ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि अगर यूजर इस ब्राउजर को अनइंस्टाल कर देता है या ब्राउजिंग डेटा इरेज भी कर देता है तो भी उसके डिवाइस के डीएनएस पर इसका नियंत्रण रहता है। इसलिए अब भारतीय अधिकारी ने कहा कि अगर इस ब्राउजर पर लगे आरोपों की पुष्टि हो जाती है तो देश में इसे बैन किया जा सकता है।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अधिकारी ने कहा, ‘यूसी ब्राउजर के खिलाफ शिकायतें हैं कि यह अपने भारतीय यूजरों का मोबाइल डेटा चीन स्थित सर्वर को भेजता है।’ बता दें कि सरकार ने डेटा सिक्योरिटी के मामले पर लगभग सभी चीनी कंपनियों के हैंडसेट की जांच करनी शुरू की है। मंत्रालय ने 28 कंपनियों से 28 अगस्त तक इस मामले में जवाब देने को कहा है।
गौरतलब है कि 2015 के मई महीने में भी टोरंटो विश्वविद्यालय ने पहली बार यूसी ब्राउज की सुरक्षा पर सवाल उठाया था। अगर हैदराबाद की लैब की जांच में आरोप सही साबित हुए तो सरकार इस ऐप के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी। इससे पहले स्मार्टफोन बनाने वाली चीनी कंपनियों पर भी डेटा चोरी करने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया जा चुका है।
वहीं यूसी ब्राउजर की पैरंट कम्पनी यूसी वेब का माने तो फिलहाल उसे सरकार से इस बारे में कोई नोटिस या सूचना नहीं मिली है। कंपनी ने कहा, ‘यूसी वेब में हम सुरक्षा व गोपनीयता को बहुत गंभीरता से लेते हैं। कंपनी सभी क्षेत्रों में स्थानीय नियमों का पालने करने पर पूरा ज़ोर देती है।’ कंपनी का कहना है कि वह ऐसा कोई काम नहीं करती जिससे उसके यूजरों का भरोसा टूटे।