22 अगस्त को एक तरफ जहां पूरा भारत तीन तलाक जैसे मध्ययुगीन कुप्रथा पर पाबंदी लगने पर खुशी मना रहा था, वहीं दूसरी तरफ भारत के केंद्र मध्य प्रदेश में एक दूसरी मध्य युगीन कुप्रथा का निर्वहन किया जा रहा था।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढ़ुर्ना कस्बे में हर साल ‘गोटमार मेला’ का आयोजन किया जाता है। इस मेले के आयोजन के मूल में एक अजीब सी मान्यता है। इसके अनुसार, सावरगांव के लड़के को पांढुर्ना गांव की एक लड़की से प्यार था। पर दोनों गांव को इस प्यार से ऐतराज था। इसलिए दोनों ने मजबूर होकर भागने की कोशिश की। इस पर दोनों गांवों में तनातनी हो गई और जम के पत्थरबाजी हुई। इस पत्थरबाजी के बीच में फंसे दोनों प्रेमी युगल की नदी के बीच में ही मौत हो गई।
उसी घटना की याद में यहां हर साल गोटमार मेला लगता है। परंपरा को निभाते हुए दोनों गांवों के लोग एक-दूसरे पर जमकर पत्थर चलाते हैं। जिस गांव के लोग पत्थर से नदी में लगे झंडे को गिरा देते हैं, उन्हें विजेता माना जाता है। आपको बता दें कि स्थानीय भाषा में पत्थर को ‘गोट’ कहा जाता है।
मोहब्बत के लिए जान देने वाले इस प्रेमी युगल की याद में मंगलवार को भी गोटमार की यह परंपरा निभाई गई। हालांकि प्रशासन ने इसके लिए सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए थे। साथ ही मेला क्षेत्र में निषेधाज्ञा धारा 144 लगा दी गई थी, फिर भी पत्थरबाजी नहीं रुक पाई। पुलिस को बढ़ते उपद्रव को रोकने आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े।
पांढुर्ना के एसडीएम डी.एन. सिंह ने बताया कि मेले के दौरान पत्थरबाजी को रोकने के व्यापक प्रबंध किए गए थे। निषेधाज्ञा लगाकर गोफान, हथियार आदि लेकर आने पर भी प्रतिबंध लगाया था। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर लगभग एक हजार पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी और साथ ही चार चलित अस्पताल भी आयोजन स्थल पर बनाए गए थे।
राज्य मानवाधिकार आयोग के आदेश के अनुसार पत्थरबाजी रोकने के लिए आयोजन स्थल से पत्थरों को पूरी तरह हटा भी दिया गया था। लेकिन लोग खुद थैलों में पत्थर लेकर आए थे और मौका देखकर एक दूसरे पर बरसाने लगे। एक बार जब पत्थरबाजी का यह सिलसिला शुरू हुआ तो प्रशासन के तमाम कोशिशों के बाद भी शाम सात बजे तक चलता रहा। कुछ लोगों ने पुलिस और एम्बुलेंस पर भी पत्थर चलाएं। इस पारम्परिक कुप्रथा को निभाने के चक्कर में लगभग 500 लोग घायल हो गए, जिसमें 10 की हालत गंभीर है।
आपको बता दें कि इस खेल में पिछले कुछ वर्षों में 15 लोगों की मौत हो चुकी है।