अमेरिका के वर्जीनिया प्रांत के शर्लटविल शहर में व्हाइट सुप्रेमिस्ट की रैली में व्हाइट सुप्रेमिस्ट और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भड़क उठी, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद विवाद को बढ़ता देख वर्जीनिया के गवर्नर टेरी मेकऑलिफ ने राज्य में आपातकाल घोषित कर दिया है।

दरअसल व्हाइट नेशनलिस्ट सुबह 11 बजे पार्क में रैली कर रहे थे तभी विरोधी प्रदर्शनकारी आए और व्हाइट नेशनलिस्ट पर हमला बोल दिया। विरोधी प्रदर्शनकारियों के हाथों में यहुदी झंडे थे जिन पर यहुदी चिन्ह बने हुए थे। उनके पास केमिकल, लाठियां और बोतलें भी थी।

पुलिस की माने तो, ये हिंसा उस समय भड़की जब वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट्स और व्हाइट नेशनलिस्ट एक पार्क में रैली के विरोध में आए लोगों ने एक-दूजे पर हाथापाई कर दी।

इसी दौरान एक कार द्वारा भीड़ को टक्कर मारने से 1 शख्स की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। उधर शहर के बाहर पुलिस का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलट और एक यात्री की मौत हो गई। इस तरह कुल मिलाकर तीन लोगों की मौत हुई है।

गौरतलब है कि यह विवाद शुक्रवार से ही चल रहा था। वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट्स शुक्रवार को ही हाथों में टॉर्च लिए मार्च निकालते हुए नारे लगा रहे थे जहां से ये तनाव पैदा हुआ। खबरों कि माने तो यह छात्र नारे लगा रहे थे जिसमें वे ये कहते सुनाई दे रहे थे कि व्हाइट यहीं रहते हैं, तुम हमें हटा नहीं सकते, नाजी हमे हटा नहीं सकते।

बता दें कि श्वेत श्रेष्ठतावाद (व्हाइट सुप्रेमेसी) एक नस्लवादी वह विचारधारा है जिसके मुताबिक श्वेत लोग बाकी लोगों से कई मायनों में बेहतर होते हैं और वे मानते हैं कि श्वेत लोगों के पास अश्वेतों पर अपना प्रभुत्व जमाने का अधिकार होना चाहिए। अतः यह रैली इसी के समर्थन में थी।

अब इसी सबको देखते हुए वर्जीनिया के गवर्नर टेरी मेकऑलिफ ने राज्य में आपातकाल घोषित कर दिया है।

इलाके के मेयर माइक सिग्नर ने हमले के बाद ट्वीट कर कहा कि हमें दुख है कि इस हादसे में एक शख्स ने जान गंवा दी। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी लोगों से घर लौट जाने का आग्रह करता हूं।’ वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने शहर में इस हिंसा की निंदा की है। ट्रंप ने जारी बयान में कहा, ‘हम कड़े शब्दों में इस नफरत और हिंसा की निंदा करते हैं।’