यूपी चुनाव के समय कानून-व्यवस्था का मुद्दा भाजपा के चुनावी अभियान का एक प्रमुख हिस्सा था। उन्होंने बार-बार अखिलेश सरकार पर गुंडों की सरकार होने का आरोप लगया था और सत्ता में आने पर कानून व्यवस्था सुधारने का वादा किया था। लेकिन योगी सरकार के आने के तीन महीने बाद भी प्रदेश की कानून व्यवस्था सुधरती हुई नहीं दिख रही है और योगी सरकार पर इसका दबाव भी बनता दिख रहा है।
हालांकि सीएम योगी अदित्यनाथ कानून व्यवस्था को लेकर खासे संजीदा हैं और उन्होंने खूंखार और इनामी अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस को खुली छूट दे रखी है। इसी कड़ी में योगी सरकार मकोका की तर्ज पर एक नया कानून UPCOCA (Uttar Pradesh Control Of Organised crime) लाने जा रही है, ताकि अपराधियों और माफियाओं पर लगाम कसा जा सके। योगी सरकार के गृह विभाग ने इस कानून के मसौदे को आखिरी रूप दे दिया है। अब जल्द ही इसे यूपी कैबिनेट में रखा जाएगा और कैबिनेट का मुहर लगने के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।
आपको बता दें कि यूपीकोका का कानून प्रदेश के लिए नया नहीं है। मायावती सरकार के दौरान भी यह कानून चर्चा में आया था और उसी समय इसका मसौदा तैयार कर लिया गया था। अब योगी सरकार कुछ बदलाव के साथ इस कानून को फिर से लाने पर विचार कर रही है और जल्द ही यूपीकोका कानून हकीकत हो सकता है। योगी सरकार माफिया-अपराधियों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए यूपीकोका लाकर अपराधियों की कमर तोड़ना चाहती हैं।