आज भारत के उन महान क्रांतिकारियों की जयंती है जिनका नाम सुनकर ही युवाओं के मन में देश के प्रति कुछ कर गुजरने का जज्बा जाग उठता है। दुश्मनों की गोलियों का सामना हम करेंगे, आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे और स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है जैसे नारे देने वाले चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक को आज पूरा देश याद कर रहा है। जहां प्रधानमंत्री मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं ने उनके जयंती पर उनको शत्-शत् नमन किया। वहीं युवाओं और बच्चों ने उनकी जीवनगाथा जानकर देश को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। कई युवाओं ने पौधारोपण करके जहां देश को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया। वहीं कईयों ने स्वच्छता अभियान चलाकर देश को गंदगी मुक्त करने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर देश के स्वंतत्रता संग्राम में उनके विशेष योगदान के लिए याद कर रहा हूं।
Remembering Bal Gangadhar Tilak, Chandra Shekhar Azad and their rich contribution to India’s freedom struggle, on their birth anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 23, 2017
वहीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा भारत माता के महान सपूत, स्वराज की मांग रखने वाले बाल गंगाधर तिलक व महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर शत-शत नमन। इसी तरह कई और नेताओं और कलाकारों ने ट्वीट कर क्रांतिकारियों को याद किया। वहीं चंद्रशेखर आजाद जयंती पर कर्प फाउंडेशन ने नीलेश्वर पहाड़ी में पौधारोपण किया। इलाहाबाद में सामाजिक संगठनों की ओर से रविवार को आजादी के महानायक शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती धूमधाम से मनाई गई। संगठनों की ओर से चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर आधारित नाटकों का मंचन किया गया। कई स्थानों पर विचार गोष्ठी हुई। स्कूलों और कॉलेजों में भी बच्चों को इन महान क्रांतिकारियों के त्याग, समर्पण के बारे में बताया गया।
बता दें कि बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को हुआ था। वे एक भारतीय राष्ट्रवादी, समाज सुधारक, वकील और स्वतंत्रता सैनानी थे। उन्हें ‘लोकमान्य’ की उपाधि भी प्राप्त हुई। वहीं चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। काकोरी कांड और लाला लाजपत रॉय के मौत के बदले सॉण्डर्स की हत्या में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। ये रूप बदलने के लिए जाने जाते थे इसीलिए कोई अंग्रेज उनको पकड़ ही नहीं पाता था। उनका कहना था कि अंग्रेजों के पास कोई ऐसी गोली नहीं जो आजाद को मार सके और मरते-मरते उन्होंने यह बात सिद्ध भी कर दी थी।