Lalu Prasad Yadav Sentenced: Bihar के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को मिली 5 साल की सजा पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। JD(U) नेता Nitish Kumar ने कहा कि हमने उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं कराया था। जो लोग उनके साथ थे, उन्ही लोगों ने उनके खिलाफ मामले दर्ज कराएं थे। वे लोग मेरे पास भी आए थे लेकिन मैंने मना कर दिया था। मैंने कहा था कि आप मामला दर्ज करना चाहते हैं, लेकिन यह मेरा काम नहीं है।
वहीं जातिगत जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पांच राज्यों में चुनावों के बाद जातिगत जनगणना होने की पूरी संभावना है। हम लोग एक मत में हैं। निश्चित रूप से राज्य सरकार यह करना चाहती है। हमने इसको लेकर पूरी रणनीति बनाई है। अगर एक बार जातिगत जनगणना हो जाएगी तो विकास कार्य करने में आसानी होगी।
Lalu Yadav को 5 साल कैद की सजा
रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पांच साल कैद की सजा सुनाई और उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। विशेष सीबीआई अदालत ने इससे पहले 15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव को रांची के डोरंडा कोषागार मामले में दोषी ठहराया था। यह मामला चारा घोटाले का पांचवा मामला है जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया है।
Lalu Prasad Yadav को किस मामले में मिली सजा?
पिछले चार मामलों के बाद, 139.35 करोड़ रुपये का डोरंडा मामला सरकारी धन के गबन का अंतिम मामला है जिसमें नेता को एक प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में दोषी ठहराया गया है। नेता को पहले 2013 में दोषी पाया गया था, और फिर 2017, 2018, और 2021 में तीन और मामलों में दोषी पाया गया था।
अप्रैल 2021 में, झारखंड उच्च न्यायालय ने 1991 और 1996 के वर्षों के बीच दुमका कोषागार से धोखाधड़ी से निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में यादव को जमानत दे दी थी।
यादव दिसंबर 2017 से जेल में थे और उन्हें चारा घोटाला मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 2018 में सात साल और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सात साल की सजा सुनाई गई थी। राजद नेता पर दुमका मामले में 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था और फिलहाल वह चारों मामलों में जमानत पर बाहर हैं।
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