Team India के विकेटकीपर बल्लेबाज Wriddhiman Saha को श्रीलंका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से बाहर किए जाने के बाद से वो सुर्खियों में बने हुए हैं। टीम से बाहर किए जाने के बाद साहा ने कोच Rahul Dravid और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली पर निशाना साधा है। जिस पर अब राहुल द्रविड़ ने अपना बयान दिया है। भारत के मुख्य कोच ने रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ 3-0 से सीरीज जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि साहा के बयानों से उन्हें जरा भी तकलीफ नहीं हुई, क्योंकि उनका काम खिलाड़ियों को मुश्किल हालातों से अवगत कराना है।
Wriddhiman Saha के आरोप पर कोच ने दिया बयान
द्रविड़ ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता है कि खिलाड़ी हमेशा मेरी बातों से सहमत होंगे। लेकिन इसका मतलब ये नहीं हैं कि हम इन बातों को सामने न लाए। मैं हमेशा खिलाड़ियों को मुश्किल हालात से अवगत कराने में यकीन रखता हूं। मेरे मन में साहा और उनकी उपलब्धियों तथा भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को लेकर बहुत सम्मान है। इसी वजह से मैंने उनसे बात की। ईमानदारी और स्पष्ट रुख उनका अधिकार है। मैं नहीं चाहता था कि वह ये बात मीडिया से सुनें।
भारतीय टीम के मुख्य कोच द्रविड़ का मानना है कि अब समय आ गया है जब नए विकेटकीपरों को मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऋषभ पंत ने खुद को बेहतरीन विकेटकीपर के तौर पर स्थापित किया है। ऐसे में हम युवा विकेटकीपर को तैयार करना चाहते हैं। इससे मेरे मन में रिद्धिमान के प्रति कोई कमी नहीं है।
विकेटकीपर बल्लेबाज साहा ने द्रविड़ के साथ साथ बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर भी निशाना साधा था और कहा था कि दादा ने अपना वादा तोड़ा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक साहा ने कहा कि जब मैंने कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में नॉटआउट 61 रन बनाए थे तो गांगुली ने मुझेस कहा था जब तक वो बीसीसीआई अध्यक्ष हैं मुझे किसी भी चीज को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। बोर्ड अध्यक्ष से इस तरह की बात सुनकर मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया था। लेकिन सब कुछ इतना जल्दी बदल जाएगा ये समझ से परे है।
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