Allahabad HC का ध्‍वनि प्रदूषण पर दायर अवमानना याचिका पर हस्‍तक्षेप से इंकार, कहा चुनाव के बीच सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित करने की कोशिश

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Allahabad High Court
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Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 2015 में मंदिर मस्जिद से ध्वनि प्रदूषण पर रोक को लेकर पारित आदेश की अवमानना याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि यह प्रायोजित याचिका लगती है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित करने के लिए अवमानना याचिका दायर की गई है। लिहाजा कोर्ट सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में पक्ष नहीं बनेगा।

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Allahabad HC: 2015 में कोर्ट ने कार्रवाई का दिया था निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad HC) के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याची इस्लामुद्दीन की ओर से जारी अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि, इस याचिका पर हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के आदेश पर अमल कराने की याचिका खारिज कर दी।याचिका में रामपुर के जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार मंडर व अन्य को अवमानना के आरोप में दंडित करने की मांग की गई थी।
याची का कहना था कि उसकी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट (Allahabad HC) ने वर्ष 2015 में मंदिर और मस्जिद से समाज में फैल रहे ध्वनि प्रदूषण पर कानून के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। जिसका पालन नहीं किया जा रहा है। मंदिर में लाउडस्पीकर लगाकर मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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Allahabad HC: पीडीए उपाध्‍यक्ष को आदेश का पालन अन्‍यथा 21 को कोर्ट के सम्‍मुख पेश होने का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह चौहान को अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण आदेश का पालन करने या 21 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने आदेश कुमार की अवमानना याचिका पर दिया है।

उपाध्यक्ष की तरफ से कोर्ट (Allahabad HC) को बताया गया कि तीन आपत्तियों पर विचार कर निरस्त कर दिया गया है। भवन की लीज कैंटोनमेंट बोर्ड ने दी है। इस संबंध में कार्रवाई का अधिकार रक्षा संपदा अधिकारी को है। उपाध्यक्ष की तरफ से यह भी कहा गया कि विधानसभा चुनाव के कारण ध्वस्तीकरण कार्रवाई नहीं की जा सकी है। कोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा पूरे मामले में इस मसले का उचित स्‍पष्‍टीकरण नहीं कहा।कोर्ट ने उपाध्यक्ष को आदेश का पालन कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने अन्यथा हाजिर होने का निर्देश दिया।

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