Conversion Law: जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के लिए सरकार कानूनी फंदा तैयार कर रही है। प्यार, पैसो, और बल के दम पर धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) की अगुआई में कैबिनेट ने हरियाणा धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी है। अब आगामी बजट सत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली सरकार जबरन, लालच देकर या फर्जी तरीके से कराए गए धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने वाला और धर्म छुपाकर किए गए विवाह को अमान्य घोषित करने वाला विधेयक लेकर आएगी।
Conversion Law के तहत सजा
हरियाणा सरकार के अनुसार, प्रस्तावित बिल में बल प्रयोग, गलत बयानी, जबरदस्ती, डरा-धमकाकर या लालच देकर शादी करना और उसके बाद धर्मांतरण पर रोक लगाई गई है। कैबिनेट मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री खट्टर ने बताया कि पिछले दिनों यमुनानगर, मेवात, गुड़गांव और मेवात में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए थे। ऐसे मामलों को रोकने के लिए कानून लाया जा रहा है।
अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसमें सजा को लेकर जानकारी सामने नहीं आ सकी है। हालांकि, नाबालिग, अनुसूचित जाति या जनजाति के धर्मांतरण के मामले में ये सजा कठोर होगी।
Conversion Law कहां है लागू?
बता दें कि भारतीय संविधान के मुताबिक भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। सीधे तौर पर इस देश का कोई धर्म नहीं है। भारत के संविधान द्वारा अनुच्छेद 25 में धर्म स्वतंत्रता का उल्लेख किया गया है। धर्म नितांत निजी मामला है। हर व्यक्ति किसी भी धर्म और किसी भी पूजा पद्धति को मानने के लिए स्वतंत्र है। पर देश में किसी भी व्यक्ति से अगर जबनर धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो उसे भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 295 ए और 298 के तहत संज्ञेय अपराध माना जाएगा।
ये कानून अब तक तमिलनाडु और गुजरात में पारित था लेकिन अब भारत के अन्य राज्यों में भी कानून लागू हो रहा है। हरियाणा में धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी गई है। अब जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।
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