JNU की VC के रूप में Santishree Dhulipudi की नियुक्ति पर बीजेपी नेता और पीलीभीत से सांसद Varun Gandhi ने सवाल उठाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर वरुण गांधी ने ट्वीट किया, ”जेएनयू की नई वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति अशिक्षा का प्रदर्शन करती है, जिसमें व्याकरण संबंधी बहुत सी गलतियां हैं (जैसे would strive vs will strive; students friendly vs student-friendly; excellences vs excellence) इस तरह के औसत लोगों की नियुक्तियां करने से हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान होता है।”
बता दें कि सोमवार को शिक्षा मंत्रालय ने Santishree Dhulipudi को Jawaharlal Nehru University का नया वाइस चांसलर नियुक्त किया है। सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रहीं शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित को पांच साल के लिए JNU का अगला कुलपति बनाया गया है। शांतिश्री धुलीपुड़ी JNU की पहली महिला कुलपति बनेंगी।
कौन हैं Santishree Dhulipudi ?

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में जन्म लेने वालीं Santishree Dhulipudi भारत के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपती होंगी। भारत के कई विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा चुकीं धुलीपुड़ी का कुलपति के तौर पर पांच साल का कार्यकाल होगा। वे इससे पहले सावित्री बाई फुले, गोवा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुकी हैं। Santisree Dhulipudi Pandit जेएनयू की 15वीं कुलपति बनने जा रही हैं। उन्हें प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार का कार्यकाल खत्म होने के बाद नियुक्त किया गया है।

जेएनयू की कुलपति बनने जा रहीं शांतिश्री खुद यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से 1986 में एम.फिल. और 1990 में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। इससे पहले उन्होंने मद्रास स्थित प्रेजिडेंसी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था। प्रो पंडित की अंग्रेजी और हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मराठी, संस्कृत पर भी बहुत अच्छी कमांड है।
