Statue Of Equality: प्रधानमंत्री Narendra Modi ने शनिवार को 216 फ़ीट ऊंची संत श्री रामानुजाचार्य की मूर्ति राष्ट्र को समर्पित की है। बता दें कि हैदराबाद में स्थापित यह प्रतिमा ‘पंचधातु’ से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का संयोजन है। प्रतिमा के लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज मां सरस्वती की आराधना के पावन पर्व, बसंत पंचमी का शुभ अवसर है। मां शारदा के विशेष कृपा अवतार श्री रामानुजाचार्य जी की प्रतिमा इस अवसर पर स्थापित हो रही है। मैं आप सभी को बसंत पंचमी की विशेष शुभकामनाएं देता हूं।
संत रामानुजाचार्य की मूर्ति को लेकर उन्होंने कहा कि जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य जी की इस भव्य विशाल मूर्ति के जरिए भारत मानवीय ऊर्जा और प्रेरणाओं को मूर्त रूप दे रहा है। रामानुजाचार्य जी की ये प्रतिमा उनके ज्ञान, वैराग्य और आदर्शों की प्रतीक है।
रामानुजाचार्य जी के भाष्यों में है ज्ञान की पराकाष्ठा: Narendra Modi
संत रामानुजाचार्य को याद करते हुए प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसके मनीषियों ने ज्ञान को खंडन-मंडन, स्वीकृति-अस्वीकृति से ऊपर उठकर देखा है। हमारे यहां अद्वैत भी है, द्वैत भी है और इन द्वैत-अद्वैत को समाहित करते हुये श्रीरामानुजाचार्य जी का विशिष्ट द्वैत भी है। एक ओर रामानुजाचार्य जी के भाष्यों में ज्ञान की पराकाष्ठा है तो दूसरी ओर वो भक्तिमार्ग के जनक भी हैं। एक ओर वो समृद्ध सन्यास परंपरा के संत भी हैं तो दूसरी ओर गीता भाष्य में कर्म के महत्व को भी प्रस्तुत करते हैं। वो खुद भी अपना पूरा जीवन कर्म के लिए समर्पित करते हैं।
Statue of Equality हमें समानता का दे रही है संदेश
हैदराबाद में उन्होंने ने यह भी कहा कि आज जब दुनिया में सामाजिक सुधारों की बात होती है, प्रगतिशीलता की बात होती है, तो माना जाता है कि सुधार जड़ों से दूर जाकर होगा। लेकिन, जब हम रामानुजाचार्य जी को देखते हैं, तो हमें अहसास होता है कि प्रगतिशीलता और प्राचीनता में कोई विरोध नहीं है। आज रामानुजाचार्य जी विशाल मूर्ति Statue of Equality के रूप में हमें समानता का संदेश दे रही है। इसी संदेश को लेकर आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ अपने नए भविष्य की नींव रख रहा है।
PM ने यह भी कहा कि आज देश में एक ओर सरदार साहब की ‘Statue of Unity’ एकता की शपथ दोहरा रही है, तो रामानुजाचार्य जी की ‘Statue of Equality’ समानता का संदेश दे रही है। यही एक राष्ट्र के रूप में भारत की विशेषता है।
यह भी पढ़ें: