भारत और पकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच भारत ने सिंधु जल समझौते की समीक्षा की है। नीति आयोग के सीईओ ने इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधिकारियों से मुलाकात की और सिंधु समझौते की समीक्षा कर दो हाइड्रो प्रोजेक्ट को शुरू करने पर चर्चा की है। आपको बता दें कि यह बैठक ठीक उस वक्त हुई जब प्रधानमंत्री मोदी कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित होने वाले संघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) शिखर समिट के लिए निकल चुके थे। 30 मिनट चली इस बैठक में नीति आयोग ने मामले में दोबारा से अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के विकल्प की बात कही है।
दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच पानी बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। आखिरी बार स्थायी सिंधु जल आयोग की बैठक मई 2015 में हुई थी। उसके बाद इस मुद्दे पर अब जाकर बैठक हुई है। इस बैठक में आयोग ने यह भी कहा है कि इस मामले में पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता सशर्त होनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट SCO समिट में शिरकत करने अस्ताना पहुंचे पीएम मोदी को दी जाएगी। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव और सीमा पर लगातार सीजफायर उल्लंघन के मद्देनजर यह समीक्षा बैठक सामने आई है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार जारी गोलीबारी और घुसपैठ की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच वार्ता भी ठप है। इसके अलावा आतंकवाद और जाधव के मामले पर भी दोनों देशों के बीच कड़वाहट है। उरी हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। फिर भी सिंधु जल समझौता दोनों देशों के बीच आज भी तमाम कड़वाहटों के बावजूद बरकरार है।