बिहार की शिक्षा व्यवस्था तो बेहाल है इसमें कोई शक नहीं किया जा सकता। बीते वर्ष हुआ टॉपर घोटाला तो आपको याद ही होगा जिसमें बिहार बोर्ड से इंटर की परीक्षा में आर्ट्स से टॉप करने वाली छात्रा रुबी को अपने विषयों के नाम तक नहीं मालूम थे। सवाल उठे जांच हुई तो बिहार की शिक्षा व्यवस्था को शर्मशार करने वाला टॉपर घोटाला सामने आया। पिछले बार हुई बदनामी को देखते हुए इस बार सरकार ने बोर्ड परीक्षा में कड़ा रुख अपनाया तो राज्य का बोर्ड रिजल्ट काफी खराब रहा। छात्रों के पास होने का प्रतिशत काफी कम रहा और 64% छात्र फेल हो गए लेकिन इस बार भी आर्ट्स स्ट्रीम से टॉप करने वाले छात्र गणेश कुमार का रिजल्ट सवालों के घेरे में है।
गणेश कुमार नाम का टॉपर समस्तीपुर के रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक इंटर विद्यालय का छात्र है। मगर पता चला कि यह गणेश कुमार समस्तीपुर का रहने वाला ही नहीं है। वह झारखंड के गिरिडीह ज़िले के सरिया में रहता है।
गणेश के शिक्षक ही हुए फेल
छानबीन करते हुए जब मीडिया गणेश के स्कूल पहुंची तो वहां की बदहाली देखकर वहां की शिक्षा स्तर का अंदाजा हो गया। वह स्कूल कम एक टूटा हुआ घर ज्यादा लग रहा था। स्कूल में गणेश के ना मिलने पर शिक्षकों का ही इम्तिहान शुरू हो गया। थोड़ी देर में पता चला कि अंग्रेजी पढ़ाने वाले को सिविलाइज़ेशन शब्द की स्पेलिंग नहीं मालूम है और कैमिस्ट्री पढ़ाने वाले को सोडियम की परमाणु संख्या तक नहीं मालूम है। स्थानीय मीडिया ने गणेश से बात की तो उसने कहा कि उसे टॉपर होने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन उसने अच्छी तरह से परीक्षा दी थी, परीक्षा में अच्छे से सजावट के साथ लिखा था, इसलिए टॉपर हो गया।
भाजपा ने की जांच की मांग
इस मुद्दे पर बिहार की विपक्षी पार्टी ने जांच की मांग की है। विपक्ष ने कहा कि नीतीश सरकार की राज में राज्य की शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल खराब हो गई है। 12वीं की परीक्षा में एक बार फिर हकीकत सामने आ गई है। सरकार का दावा है कि इस साल परीक्षा प्रक्रिया में काफी कठोरता बरती गई है इसलिए इस वर्ष बिहार में करीब 64 प्रतिशत छात्र परीक्षा में असफल हुए हैं।
बिहार बोर्ड अध्यक्ष ने गणेश के रिजल्ट को सही बताया
गुरुवार को बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि इंटर आर्ट्स टॉपर के बारे में चल रही चर्चाओं में कोई दम नहीं है। अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि गणेश के टॉपर होने में कोई संदेह नहीं है। उसने लिखित परीक्षाओं में बेहतर किया है। उन्होंने कहा कि गणेश के कॉपियों की पूरी जांच हुई है। प्रैक्टिकल की दोबारा जांच पर कोई विचार नहीं किया जा रहा। जब मीडिया उनसे इसपर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा गणेश एक दलित परिवार से आता है और काफी गरीब भी है इसलिए हो सकता है कि उसने पढ़ाई देर से शुरू की होगी। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि स्क्रूटनी के लिए आवेदन 3 से 12 जून तक किया जा सकेगा। बोर्ड मुख्यालय में स्क्रूटनी की जा सकेगी। जून में ही स्क्रूटनी समाप्त हो जाएगी।
नीतीश कुमार ने छात्रों से की अपील
उधर नीतीश कुमार ने भी कहा है कि जिन छात्रों को लगता है कि उन्होंने परीक्षा में जैसा लिखा है उस हिसाब से अंक नहीं मिले हैं तो वो आवेदन करके अपनी कॉपियों की पुन: जांच कर सकते थे। साथ ही कंपार्टमेंटल परीक्षा भी जल्द कराने के इंतजाम किए जाएंगे, ताकि अनुत्तीर्ण छात्रों को अवसर मिले।