Makar Sankranti 2022: जब सूर्य एक राशि को बदलकर दूसरी राशि मे प्रवेश करता है, तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं। साल में 12 संक्रांति होती हैं क्योकि 12 रशियां होती हैं। हर महीने भगवान सूर्य राशि को बदलते हैं जिसको संक्रांति कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि की मकर राशि मे प्रवेश करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जता है। इस साल भगवान सूर्य 14 जनवरी की दोपहर लगभग 2 बजे बजकर 43 मिनट पर मकर राशि मे जाएंगे
Makar Sankranti 2022: पर सर्दियां अपनी चरम पर होती हैं
मकर संक्रांति को माघी या मकर संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू देवताओं में सूर्य भगवान को समर्पित यह त्यौहार हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। मकर संक्रांति का यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। जैसा कि माना जाता है कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे मकर के नाम से भी जाना जाता है।
मकर संक्रांति उस महीने के अंत का भी प्रतीक है जब सर्दियाँ अपने चरम पर होती हैं, जो कि वर्ष की सबसे अंधेरी रात के रूप में भी संदर्भित है। मकर संक्रांति यह संकेत भी देता है, कि (ऋतु परिवर्तन) फिर से दिन के बड़े होने की शुरुआत हो गई है। हिंदू परंपरा के अनुसार, मकर संक्रांति का यह त्यौहार छह महीने की शुभ अवधि के साथ उत्तरायण की शुरुआत भी करता है।
Makar Sankranti हमेशा 14 जनवरी को होती है
इस त्यौहार के सबसे खास पहलुओं में से एक यह है कि सौर चक्र के अनुसार हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले कुछ प्राचीन त्यौहारों में से यह त्यौहार एक है।
ज्यादातर हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार अपने त्यौहारों को मनाते हैं। संयोगवश हिंदू कैलेंडर का स्वरूप चन्द्र-सौर पंचांग की तरह होता ही है। चूंकि मकर संक्रांति सौर चक्र के अनुसार ही मनाया जाता है, इसलिए यह ग्रेगोरीयन कैलेंडर की एक ही तारीख 14 जनवरी को आता है।
Makar Sankranti 2022 शुभ मुहूर्त
उत्तरी भारत के सिख और हिंदू इस त्यौहार को लोहड़ी के नाम से मनाते हैं, जबकि मध्य भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। असम में हिंदू इस त्यौहार को भोगली बिहू के नाम से मनाते है। तमिलनाडु और दक्षिणी भारत के अन्य हिस्सों में इस त्यौहार को पोंगल के नाम से जाना जाता है।
मकर संक्रांति (14जनवरी 2022)
मकर संक्रांति 2022- शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति पुण्य काल – दोपहर 02:43 से शाम 05:45 तक
अवधि – 03 घण्टे 02 मिनट
मकर संक्रांति महा पुण्य काल – दोपहर 02:43 से रात्रि 04:28 तक
अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट
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