उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जातीय हिंसा को देखते हुए शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। हालात पर काबू पाने के लिए इंटरनेट, मैसेज और सोशल मीडिया पर रोक लगा दी गई है। अराजक तत्व सोशल मीडिया का प्रयोग अफवाह और भ्रामक सूचनाओं को फैलाने में कर रहे थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि भड़काऊ बयानों पर ध्यान न दें। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के हित में किए जा रहे कार्यों को कुछ लोग हजम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे लोग प्रदेश में कायम अमन-चैन के माहौल को खराब कर रहे हैं। प्रदेश सरकार जनता के सहयोग से ऐसे लोगों के मंसूबों को सफल नहीं होने देगी। सहारनपुर की घटना के दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

Saharanpur Violenceसहारनपुर हिंसा को गंभीरता से लेते हुए यूपी सरकार ने डीएम और एसएसपी को हटा दिया, जबकि मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक के तबादले कर दिए। प्रमोद कुमार पाण्डेय को नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि बबलू कुमार सहारनपुर के नये पुलिस कप्तान बनाये गये हैं। सहारनपुर के मौजूदा जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रताप सिंह को प्रतीक्षारत रखा गया, जबकि एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को पुलिस महानिदेशक लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है।

इससे पहले मंगलवार की देर रात लखनऊ से सहारनपुर पहुंचे गृह सचिव, एडीजी कानून व्यवस्था, आईजी और डीआईजी ने एसएसपी सहित स्थानीय अफसरों के साथ पुलिस लाइन सभागार में समीक्षा बैठक की। गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, आगरा से पीएसी के 5 कमांडेंट्स को शहर भेजा गया है।

कांग्रेस का कहना है, सहारनपुर हिंसा के लिए सीएम योगी जिम्मेदार हैं। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि इस पर एक्शन लिया जाएगा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सहारनपुर अभी भी हिंसा की आग से अलग नहीं हुआ है। अभी भी लगातार वहां पर हिंसा हो रही है। 23 मई को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के सहारनपुर दौरे के बाद वहां के हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए। मायावती की जनसभा से लौट रहे दलितों पर हमला किया गया। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। जबकि करीब 15 लोग घायल हो गए।

इस हिंसा पर लगातार राजनीति हो रही है। कांग्रेस ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सहारनपुर हिंसा मामले में विशेष अदालत गठित करने और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार करने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में हिंसा का शिकार हो रहे दलित समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराना योगी आदित्यनाथ का उत्तरादायित्व है।

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