इलाहाबाद के शिक्षा निदेशालय पर लगभग 40 दिनों से चल रहा प्रशिक्षु शिक्षकों का धरना प्रदर्शन अब आमरण अनशन में तब्दील हो गया है। तीन दिनों से एक हज़ार से अधिक प्रशिक्षु शिक्षक आमरण अनशन कर रहे हैं। हालाँकि अभी तक शिक्षा निदेशालय का कोई भी अधिकारी इनसे बात करने नही पहुंचा है। अनशन पर बैठे प्रशिक्षु शिक्षकों की तबियत भी अब बिगड़ने लगी है। प्रशिक्षु शिक्षक अपने जिद पड़ अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि या तो सरकार हमें हमारा मौलिक अधिकार दे या मृत्यु दे। प्रशिक्षु शिक्षकों का कहना है कि 72825 पदों के लिए शिक्षकों की भर्ती करायी गयी थी लेकिन प्रशिक्षु शिक्षकों को अभी तक उनका मौलिक अधिकार नही दिया गया है। यह प्रशिक्षु शिक्षक 6 महीने का अपना प्रशिक्षण भी पूरा कर चुके हैं लेकिन आज तक सरकार की तरफ से इन्हें नियुक्ति पत्र नही दिया गया है।
इलाहाबाद शिक्षा निदेशालय के अंदर परिसर में आमरण अनशन पर बैठे प्रशिक्षु शिक्षक उतर प्रदेश के 32 जिलों से यहाँ आकर अपनी मांगों के लिए अनशन कर रहे हैं। इनकी मांगों पर सुनवाई के लिए कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचा है। इससे पहले यह शिक्षक सचिवालय से लेकर मुख्यमंत्री और हर उस दर पर फरियाद लगा चुके हैं जहाँ से इन्हें अपनी नियुक्ति की थोड़ी भी आशा दिखी लेकिन आज तक इन्हें निराशा ही हाथ लगी है। पहले इनका विरोध धरना प्रदर्शन के माध्यम से शुरू हुआ था जो अब आमरण अनशन में तब्दील हो चुका है। प्रशिक्षु शिक्षकों की यूपी सरकार से मांग है कि प्रशिक्षु शिक्षकों को भी नियुक्ति पत्र दे कर पढ़ाने का मौका दिया जाए। अनशनकारी शिक्षकों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी माँगे नही मानती तब तक यह अनशन चलता रहेगा।