World Soil Day 2021: विश्वभर में हर साल 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी (World Soil Day) दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है लोगों को मिट्टी के महत्व के बारे में समझाना, लोगों को मिट्टी के प्रति जागरूक किया जा सके इसलिए हर साल मिट्टी दिवस मनाया जाता है। फसलों को जल्दी उगाने के लिए मिट्टी में लगातार कीटनाशक रासायनि खाद का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम हो रही है और जैविक गुण खत्म हो रहे हैं। तरह तरह के केमिकल और खाद के इस्तेमाल के कारण मिट्टी की उपजाऊ क्षमता भी कम होने लगी है। मिट्टी के महत्व को समझाने के लिए 5 दिसंबर चुना गया है।
Thailand के राजा का हुआ था जन्म
मिट्टी दिवस मनाने की शुरुआत 2014 में हुई थी। इसे पहली बार 5 दिसंबर 2014 में मनाया गया था। हर साल मिट्टी दिवस के लिए एक टीम तैयार की जाती है ताकि वे इस दिन के महत्व को समझाने के लिए लोगों के बीच काम कर सकें। हर साल मिट्टी दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है। इस बार मृदा लवलीकरण को रोकों, मृदा उत्पादकता को बढ़ावा दें (Halt Soil Sanitation, Boost Soil Productivity) रखा गया है।
5 दिसंबर को ही मिट्टी दिवस मनाने का मुख्य कारण यह है कि आज ही के दिन थाईलैंड के राजा एच.एम भूमिबोल अदुल्यादेजका का जन्म हुआ था। वे इस पहल के मुख्य समर्थकों में एक थे।
2002 में की थी सिफारिश
बता दें कि साल 2002 में अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने 5 दिसंबर को हर साल विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की थी। एफएओ के सम्मेलन ने सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और 68 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसको आधिकारिक रूप से मनाए जाने का अनुरोध किया, जिसके बाद यह दिन मनाय जाता है।
मिट्टी में उर्वरता शक्ति को बने रखने के लिए लंबी और जल्दी से बढ़ने वाली फसलों के बाद बौनी फसलों को लगाएं, क्योंकि गन्ने के बाद चारा फसलों को उगाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है, इसलिए गन्ने के बाद दलहनी फसलों की खेती करें। इससे मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ती है।
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