भारत-बांग्लादेश सीमा पर गाय संरक्षण और पशुओं की तस्करी रोकने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संयुक्त सचिव और गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति ने सिफारिश किया है कि गायों के लिए भी आधार कार्ड की तरह अद्वितीय पहचान संख्या (यूआईडी) जारी करने होना चाहिए।
केंद्र ने कि वह यूआईडी के जरिए गायों को लोकेट किया जाएगा। केंद्र ने कहा है कि यूआईडी में गाय की नस्ल, उम्र, रंग और बाकी चीजों का ध्यान रखा जा सकेगा।
- आवारा पशुओं की सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार की हो।
- हर जिले में कम से कम 500 जानवरों की के लिए शेल्टर होम होना चाहिए। इससे आवारा पशुओं की तस्करी को कम करने में मदद मिलेगी।
- दुध देने की उम्र तक पशुओं की विशेष देखभाल की जानी चाहिए।
- संकट में किसानों के लिए योजना शुरू की जानी चाहिए, ताकि वे दुध की उम्र से परे पशुओं को नहीं बेच सकें।
- शेल्टर होम का वित्तपोषण राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिए. मौजूदा आश्रय घरों में सुविधा और मानव संसाधनों की कमी है।
- भारत में प्रत्येक गाय और उसकी संतान की एक अद्वितीय पहचान संख्या (यूआईडी) होनी चाहिए ताकि उनको ट्रैस किया जा सके।
- यूआईडी नंबर में उम्र, नस्ल, लिंग, स्तनपान, ऊंचाई, शरीर, रंग, सींग प्रकार, पूंछ स्विच और जानवरों के विशेष अंकों का विवरण होना चाहिए।
- गाय और इसकी संतान के लिए यूआईडी देशभर में अनिवार्य होनी चाहिए।
- बांग्लादेश में पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए जनता से सक्रिय समर्थन और सहयोग की मांग की जानी चाहिए। लोगों को टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से सड़कों पर पशुओं की गतिविधियों से संबंधित जानकारी देने के लिए कहा जाना चाहिए।