उत्तराखंड में शराब के खिलाफ चल रहे आंदोलन के पक्ष में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा ऐलान लिया है। इसके तहत राज्य में 1 मई से शराब की दुकानों को रोजाना सिर्फ छह घंटे ही खोला जाएगा। अभी तक ये दुकाने 14 घंटे खुलती थीं। वहीं, उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि फिलहाल राज्य में पूर्ण शराबबंदी की कोई योजना नहीं है, बल्कि राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने के उपाय खोज रही है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि नए वित्तीय वर्ष (2017-18) के लिए आबकारी विभाग नई नीति तैयार कर रहा है। इसमें शराब की दुकानों के समय में भी बदलाव किया जा रहा है। नए फैसले के तहत शराब की दुकानों के खुलने का समय अब दोपहर तीन बजे से रात नौ बजे तक रहेगा। इसके अलावा शराब की दुकानें पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
सूबे की नई सरकार के इस फैसले से पहले अभी तक शराब की दुकानें खुलने का समय सुबह 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के हाईवे पर शराब की दुकानों पर पाबंदी के बाद देश में लगभग साढ़े 8 हजार दुकानों में से 5 हजार से ज्यादा दुकानें या तो बंद हो चुकी हैं, या फिर विरोध के कारण लाइसेंस सरेंडर कर दिया है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “शराब के खिलाफ चल रहे आंदोलन और जनभावनाओं को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। आगामी वर्षों में सरकार की कोशिश पूरी तरह शराब पर प्रतिबंध लगाने की होगी। उन्होंने माना कि आबकारी विभाग से राज्य का बड़ा राजस्व प्राप्त होता है, इसलिए तुरंत पूर्ण शराबबंदी किया जाना संभव नहीं है। ऐसे में सरकार धीरे-धीरे कदम उठा रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में देशी और विदेशी शराब की करीब 526 दुकानें हैं। लाइसेंस फीस और अन्य स्वीकृतियां मिलाकर प्रदेश सरकार को आबकारी से कुल राजस्व का तकरीबन 25 फीसद हिस्सा मिलता है।