दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली सरकार के ही लोक निर्माण विभाग ने सरकारी बंगले में चल रहे पार्टी कार्यलय को हटाने का आदेश दिया है। इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आप को बंगला खाली करने को कहा था। अब विभाग की ओर से अरविंद केजरीवाल को राउस एवेन्यू स्थित बंगला नंबर 206 को नोटिस जारी कर खाली करने को कहा गया है।इसके अलावा दिल्ली सरकार के सूचना व प्रचार निदेशालय ने आप संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 97 करोड़ 14 लाख 69 हजार 137 रुपए का रिकवरी नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उपराज्यपाल के उस आदेश के बाद आया है जिसमे आप सरकार द्वारा प्रचार के लिए 97 करोड़ रूपए के सरकारी फण्ड का उपयोग हुआ था। आपको बता दें कि यह देश भर में पहला ऐसा मामला है जब सत्ता में आसीन पार्टी के विभाग ने अपने ही मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है।
आवंटन नोटिस में इस बंगले के आवंटन को नियमों का उल्लंघन बताते हुये तत्काल प्रभाव से खाली करने को कहा गया है। यह कारवाई शुंगलू समिति द्वारा उपराज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर की गई है। जिसमें बताया गया था कि यह बंगला दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता जिस वजह से वह किसी को यह जगह नहीं दे सकती। रिपोर्ट में आप पर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि केजरीवाल सरकार ने नियमों के विरुद्ध जाकर बंगला नंबर 206 में अपना कार्यलय स्थापित किया इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए। जिसके बाद उपराज्यपाल ने आप को बंगला खाली करने को कहा था। हालांकि नोटिस में बंगले को खाली करने के लिए किसी तरह का नियमित समय नहीं दिया गया है। बंगले के इस्तेमाल के एवज में पार्टी से किराया वसूलने के सवाल पर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले का यह पहलू अभी विचाराधीन है।
इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी के सचिव पंकज गुप्ता ने बीजेपी को इसका जिम्मेदार ठहराया था और उन्होंने कहा था कि बीजेपी इतनी दुश्मनी न निभाएं। बता दें कि केजरीवाल सरकार ने 2015 में राज्य स्तरीय पार्टियों को बंगले बांटने की नीति को मंजूरी दी थी, जिसके बाद पार्टी ने भी अपने लिए पार्टी के कार्यलय के लिए यह बंगला चुना था।