Hindu और हिंदुत्व (Hindutva) को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (salman khurshid) के किताब के बाद टकराव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी बयान दिया है कि हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व में फर्क है। उन्होंने कहा कि बीजेपी (BJP) हिन्दुत्व की बात करती है। हम कहते हैं कि हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व में फर्क है क्योंकि अगर फर्क नहीं होता तो नाम एक ही होता।
Hindu और हिंदुत्व में क्या फर्क है?
हिंदू धर्म भारत का प्राचीन धर्म है। इसमें बहुत सारे संप्रदाय हैं। संप्रदायों को मानने वाले लोग अपने आपको हिंदू कहता है लेकिन हिंदुत्व एक राजनीतिक विचारधारा है जिसका प्रतिपादन 1924 में वीडी सावरकर ने अपनी किताब ‘हिंदुत्व में किया था। वीडी सावरकर (VD Savarkar) इटली के उदार राष्ट्रवादी चिंतक माजिनी से बहुत प्रभावित थे। उनके विचारों से प्रभावित होकर ही उन्होंने हिंदुत्व का राजनीतिक अभियान का मंच बनाने की कोशिश की थी। उनका यह प्रयास बहुत हद तक सफल भी रहा है।
हिंदू कौन हैं?
अलग-अलग जगहों पर इसे अलग तरह से परिभाषित किया गया है। कुछ तर्कों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति जो सिन्धु से समुद्र तक फैली भारतभूमि को साधिकार अपनी पितृभूमि एवं पुण्यभूमि मानता है, वह हिन्दू है। सावरकर सभी भारतीय धर्मों को शब्द “हिन्दुत्व” में शामिल करते हैं तथा “हिन्दू राष्ट्र” का अपना दृष्टिकोण पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले “अखण्ड भारत” के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
हिंदू होने का क्या है मतलब?
हिंदू होने का मतलब क्या है इसे लेकर भी कई तर्क सामने आते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग फांउडेशन के प्रमुख श्रीश्री रविशंकर का मानना है कि हिंदू धर्म को एक संस्कृति से बांध देने से उसका दायरा सीमित हो जाता है। हिंदुत्व को संस्कृतियों से आरपार जाने वाली जीवनशैली के रूप में देखा जाना चाहिए।