जानें माने विद्वान, शिक्षा सुधारक, राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय की आज पुण्यतिथि है। महामना का जन्म 25 दिसंबर 1861 को हुआ था और उन्होंने 12 नवंबर 1946 को इस दुनिया को अलविदा कहा था। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन बार अध्यक्ष रहे और उन्होंने ही अखिल भारतीय हिंदू महासभा की स्थापना भी की थी। उन्हें महामना के रूप में भी संबोधित किया जाता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना
मालवीय ने भारतीयों के बीच आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास किया और 1916 में वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना की । वे 1919 से 1938 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति थे। उन्होंने 1909 में इलाहाबाद से प्रकाशित अंग्रेजी समाचार पत्र, ‘द लीडर’ की भी शुरुआत की थी। वे 1924 से 1946 तक हिंदुस्तान टाइम्स के प्रेसिडेंट भी रहे। उनके प्रयासों के चलते 1936 में हिंदुस्तान दैनिक नाम के हिंदी संस्करण की शुरुआत हुई। 24 दिसंबर 2014 को उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
उनकी पुण्यतिथि के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सच्चे उपासक महान स्वतंत्रता सेनानी महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना कर युवाओं में राष्ट्रीयता व भारतीय संस्कारों को सींचकर एक शिक्षित समाज के निर्माण हेतु आजीवन संघर्ष किया। ऐसे महान युगपुरुष के चरणों में कोटिशः वंदन।’
सीएम योगी ने ट्वीट किया, ‘माँ भारती के अमर सपूत, महान स्वतंत्रता सेनानी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक, प्रख्यात शिक्षाविद, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय पं. मदन मोहन मालवीय जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। ‘राष्ट्र निर्माण’ में ‘महामना’ का योगदान ‘राष्ट्र सेवा’ हेतु सदैव प्रेरित करता रहेगा।’
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता, राष्ट्रवादी विचारक, महान समाज सुधारक और ‘भारत रत्न’ महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि पर उन्हें मेरा कोटि कोटि नमन।’
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, ‘भारत रत्न’ महामना मदन मोहन मालवीय जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्रभक्ति एवं जनसेवा की भावना से ओतप्रोत था। देश के शिक्षा जगत के आधुनिकीकरण में उनका योगदान अनुकरणीय है। मोदी जी के नेतृत्व में मालवीय जी के दिखाए मार्ग पर भारत, निरंतर अग्रसर है। उनकी पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।’
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