Dengue: दिल्ली एनसीआर में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। 19 अन्य लोगों की मौत को लेकर भी संदेह है कि उनकी मौत डेंगू से हुई है। जानकारी के अनुसार अक्टूबर में राजधानी में डेंगू के 1 हजार 196 मामले सामने आए हैं। अब तक यहां 1 हजार 537 मामले सामने आ चुके हैं। बताते चलें कि पिछले 5 साल में ये सबसे अधिक संख्या है डेंगू मरीजों की। इससे पहले साल 2016 में 1517 और 2017 में 2002 मामले सामने आए थे।
D2 डेंगू क्या है?
डेंगू एक मच्छर जनित बुखार है जो पूरे भारत में आम है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) द्वारा संयुक्त रूप से रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रयास किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ संगठन ने इसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बताया है। डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि यह रोग ज्यादातर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में और मुख्य रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में होतो है।
डेंगू वायरस (DENV) के चार वैरिएंट है सीरोटाइप – DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4। यानी डेंगू संभावित रूप से किसी व्यक्ति पर चार बार हमला कर सकता है। एक स्ट्रेन के संक्रमण को आम तौर पर उस स्ट्रेन के खिलाफ जीवन भर के लिए प्रतिरक्षा प्रदान करने के रूप में देखा जाता है, लेकिन शेष तीन स्ट्रेन से संक्रमित होना संभव है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कई DENV संक्रमण केवल हल्का प्रभाव डालते हैं, जबकि कुछ DENV एक तीव्र फ्लू जैसी बीमारी का कारण बन सकता है। जिसे गंभीर डेंगू कहा जाता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रकोप के बारे में भारतीय औषधीय अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक, बलराम भार्गव का कहना है कि पश्चिमी यूपी के जिलों में बुखार के मामलों और मौतों में वृद्धि के पीछे DENV-2 या D2 संस्करण था। फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा और अलीगढ़ का स्ट्रेन भी घातक था।
D2 डेंगू घातक क्यों होता है?
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जहां लोगों को यह भी पता नहीं है कि वे गंभीर फ्लू जैसे लक्षणों से संक्रमित हैं, वहां कई बार यह ज्यादा खतरनाक होता है। गंभीर डेंगू को पहली बार 1950 के दशक में फिलीपींस और थाईलैंड में डेंगू महामारी के दौरान पहचाना गया था, अगर समय पर इलाज न कराया जाए या इस बीमारी को लेकर जागरूकता का अभाव हो तो इससे मौत भी हो सकती है। गंभीर डेंगू के मामले अब लगभग सभी एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में देखे जाते हैं।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि डेंगू के एक स्ट्रेन के संक्रमण के बाद, दूसरे सीरोटाइप के लिए इम्युनिटी (क्रॉस-इम्यूनिटी) केवल आंशिक और अस्थायी होती है, अन्य सीरोटाइप्स द्वारा बाद में होने वाले संक्रमण से गंभीर डेंगू विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
D2 डेंगू के लक्षण क्या हैं?
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि डेंगू फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है और 2-7 दिनों तक रहता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का कहना है कि तेज बुखार के साथ सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, सूजन जैसी किसी भी तरह की शिकायत हो तो जांच कराएं। डब्ल्यूएचओ ने पेट दर्द, लगातार उल्टी जैसे गंभीर डेंगू के लक्षण बताए हैं।