उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार सार्वजनिक मंच पर दिखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की 150वीं सालगिरह के मौके पर इलाहाबाद आए है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना के डेढ़ सौ साल पूरे होने पर रविवार को एक समारोह रखा गया है। समारोह में चीफ जस्टिस जेएस खेहर और कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहे। साथ अलग अलग हाईकोर्ट के जज भी समारोह में दिखे। समारोह में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा और पुराना कोर्ट है। इसकी स्थापना 17 मार्च 1866 में हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक बेंच लखनऊ में भी है जिसमे राजधानी लखनऊ समेत आठ जिलों से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस सर वॉल्टर मॉर्गन थे। शुरूआत में हाईकोर्ट में सिर्फ 6 जज काम करते थे, लेकिन अब यहां पर 160 जज कार्यरत हैं, करीब 17 हजार से ज्यादा वकील हाईकोर्ट में काम करते हैं, देश का ये पहला हाईकोर्ट है जिसके पास अपना म्यूजियम और आर्काइव गैलरी है।
हाईकोर्ट को पहले आगरा में स्थापित किया गया था और 3 साल तक सभी मुकदमों की सुनवाई आगरा में ही हुई जिसके बाद 1869 में इसे इलाहाबाद शिफ्ट कर दिया गया। मौजूद इमारत में हाईकोर्ट को 1916 में लाया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में देश के कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले दिए गए हैं।
इसी कोर्ट में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द किया गया, 1998 में यूपी के मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल को सीएम पद से हटाने का फैसला दिया, 2010 में राम मंदिर विवाद पर जमीन बंटवारे का ऐतिहासिक फैसला सुनाया।