गैर-कानूनी तरीके से चलायी जा रही ऑनलाइन पैथ लैब के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आम जनता को भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। बीमारी की जांच के लिए गए सैंपल सिर्फ अधिकृत लैब में ही जाने चाहिए ताकि सही रिपोर्ट मिल सके।
अदालत में हरियाणा पुलिस ने दी सफाई
मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा पुलिस की तरफ से पेश हुए वकील अनिल ग्रोवर ने कोर्ट को बताया कि जांच के बाद ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया जहां अवैध तरीके से लैब चलायी जा रही हो। वहीं ऑनलाइन लैब की तरफ से भी कहा कि वह संबंधित अथॉरिटी से रजिस्टर्ड है। रजिस्टर्ड करार के तहत उसने दूसरी लैब को सैंपल इकट्ठा करने को कहा था।
याचिकाकर्ता ने हरियाणा के अधिकारियों के बयान को गलत बताया
कोर्ट ने इस पर अनिल ग्रोवर से पूछा कि तो क्या किसी भी व्यक्ति को भ्रमित नहीं किया जा रहा है, वकील ने इसका न में जवाब दिया। याचिकाकर्ता रोहित जैन की तरफ से पेश हुए वकील शशांक देव सुधि ने हरियाणा के अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान को गलत व झूठा होने का दावा किया। हरियाणा पुलिस की स्थिति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर नहीं होने के कारण अदालत ने सुनवाई 25 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली व हरियाणा पुलिस को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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