भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज से दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुँच रहे हैं। महामहिम बिहार के भागलपुर और बांका जिले के दौरे पर हैं। इससे पहले कल राष्ट्रपति झारखण्ड पहुंचे। झारखण्ड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री रघुबर दास महामहिम की अगुवानी करने रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे। राष्ट्रपति आज झारखण्ड में कई कार्यकर्मों में शामिल होंगे।
राष्ट्रपति का 20 दिनों से भी कम के अंतराल में यह दूसरा बिहार दौरा है। देश के प्रथम नागरिक प्रणब मुखर्जी का यह दौरा पहले नवम्बर में होना था लेकिन ख़राब स्वास्थ की वजह से यह दौरा तब टाल दिया गया था। बिहार के भागलपुर और बांका जिलों में किसी भी राष्ट्रपति का यह पहला दौरा है। प्रणब मुखर्जी यहाँ झारखण्ड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे के आग्रह पर पहुंच रहे हैं। राष्ट्रपति यहाँ कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
राष्ट्रपति आज शाम भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल स्थित एनटीपीसी के गेस्ट हाउस मानसरोवर में 4 बजे पहुंचेंगे। राष्ट्रपति इसी गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। राष्ट्रपति के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के तगड़े प्रबंध किये गए हैं। इस दौरान गेस्ट हाउस को पूरी तरह राष्ट्रपति सचिवालय का रूप दे दिया गया है। राष्ट्रपति के खाने से लेकर हर छोटी बड़ी बात का ध्यान रखा गया है। राष्ट्रपति को जहाँ उनकी पसंदीदा हिल्सा मछली कोलकाता के शेफ बना कर परोसेंगे वहीं बिहार के लिट्टी चोखा का स्वाद भी महामहिम चखेंगे।
तीन अप्रैल को सुबह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 10 बजे मानसरोवर से विक्रमशिला के अवशेषों को देखने जायेंगे। गेस्ट हाउस से यूनिवर्सिटी तक प्रणब हेलीकाप्टर से पहुंचेंगे। महामहिम विक्रमशिला यूनिवर्सिटी स्थित खुदाई स्थल के साथ यहाँ बने म्यूजियम को देखेंगे। राष्ट्रपति की अगुवानी और उनके स्वागत के लिए बने मंच पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री या उनके प्रतिनिधि, केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी, राष्ट्रपति के पुत्र और सांसद अभिजीत मुखर्जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, सासंद बुलो मंडल, क्षेत्रीय विधायक सदानंद सिंह रहेंगे। प्रोटोकॉल के तहत मंच पर सिर्फ 13 लोगों को जाने की अनुमति होगी।
विक्रमशिला में कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति भागलपुर के पडोसी जिले बांका के बौंसी स्थित योगनगरी वेद विद्यापीठ गुरुधाम में जायेंगे। गुरुधाम योगिराज आचार्य भूपेन्द्र नाथ सान्याल की तपस्थली रहा है इसलिए इस जगह का काफी महत्व है। यहाँ वह गुरुभाइयों के साथ आश्रम के लोगों से मिलने जायेंगे। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति का यहाँ से गहरा लगाव रहा है। उनके माता पिता के गुरु भूपेंद्र नाथ सान्याल थे इसलिए महामहिम ने यहाँ आने की इच्छा व्यक्त की थी।
राष्ट्रपति के इस दौरे से भागलपुर और बांका की अंग भूमि गौरवान्वित है। लोगों में महामहिम के दौरे को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। भागलपुर में जहाँ खँडहर में तब्दील हो चुकी दुनिया की सबसे प्राचीन यूनिवर्सिटी विक्रमशिला को राष्ट्रपति के दौरे से विकास की उम्मीद है वहीँ कई संस्कृति को समेटे मंदार नगरी बौंसी को भी कई अपेक्षाएं हैं। प्रणब इससे पहले भी भागलपुर आ चुके हैं। उनका यह दौरा करीब 17 साल पहले हुआ था। तब वह बंग साहित्य सम्मलेन में शामिल होने पहुंचे थे।