Satya Pal Malik ने आरएसएस को लेकर दिया गया अपना बयान वापस ले लिया है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर में जब वो गवर्नर थे तो उन्हें आरएसएस से जुड़े एक व्यक्ति ने रिश्वत का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद लोगों ने आरएसएस पर सवाल खड़ा किया था। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने दैनिक भास्कर के साथ बात करते हुए आरएसएस से माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि उस मामले का आरएसएस (RSS) से कोई मतलब नही था। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।
Satya Pal Malik ने क्या कहा था?
सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब वो कश्मीर (Kashmir) में राज्यपाल बनाए गए थे तब उनके पास 150-150 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश आयी थी। उन्होंने कहा कि एक पेशकश अंबानी की तरफ से और एक आरएसएस (RSS) के एक अधिकारी की तरफ से की गयी थी। मुझे अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। मैंने तुरंत प्रधानमंत्री से बात कर इसकी जानकारी दी और उनसे कहा कि अगर आप इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं तो मुझे मेरे पद से मुक्त कर दिया जाए।
पीएम मोदी ने कहा था, ‘भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं’
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि मैं इस बात को लेकर प्रधानमंत्री की सराहना करना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे साफ कहा कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। निश्चित तौर पर सत्यपाल मलिक के इस बयान के बाद विपक्षी दलों की तरफ से आरएसएस और अंबानी को लेकर सरकार पर निशाना साधा जा सकता है।
किसानों का लगातार कर रहे हैं समर्थन
मेघालय के राज्यपाल और किसानों का कई बार समर्थन कर चुके सत्यपाल मलिक ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार यदि कानूनी तौर पर MSP Guarantee देती है तो किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा। यहां पर सिर्फ एक ही मांग है केंद्र सरकार पूरा क्यों नहीं कर रही है। MSP को लेकर किसान कोई समझौता नहीं करने वाले हैं।
गौरतलब है पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों के किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून के खिलाफ पिछले 1 साल से दिल्ली की दहलीज पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान तीनों कानूनों को काला कह रहे हैं और इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं।