पश्चिम बंगाल में आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे कई जिलों में लोगों में दहशत फैल गई। यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 दर्ज की गई। यह झटका सुबह 10:08:26 बजे (स्थानीय समय) 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया, जिसके चलते इसका असर सतह पर अधिक महसूस किया गया। राहत की बात यह है कि अब तक किसी नुकसान या हताहत की खबर सामने नहीं आई है।
भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंप की वजह समझने के लिए धरती की संरचना को जानना जरूरी है। धरती की ऊपरी सतह—जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल शामिल हैं—लगभग 15 टेक्टॉनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। ये प्लेटें लगातार बेहद धीमी गति से हिलती-डुलती रहती हैं।
जब ये प्लेटें एक-दूसरे की ओर बढ़ती हैं या एक-दूसरे से टकराती/रगड़ती हैं, तो उनकी सीमा पर तनाव बढ़ता है और इससे कंपन पैदा होता है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, प्लेटों की धीरे-धीरे होने वाली मूवमेंट के दौरान इनके किनारे फ्रिक्शन की वजह से अटक जाते हैं। तनाव बढ़ने पर जब यह फ्रिक्शन की सीमा पार कर जाता है, तो ऊर्जा झटके के रूप में बाहर निकलती है। यही ऊर्जा धरती की परतों से होकर तरंगों की तरह गुजरती है और भूकंप का कारण बनती है।
भूकंप के दौरान क्या सावधानियां रखें?
- शांत रहें
- घबराने के बजाय स्थिति को समझें और सुरक्षित कदम उठाएं।
- यदि ऊंची इमारत के निचले फ्लोर पर हों
- तुरंत बाहर निकलकर खुले स्थान में जाएं।
- अगर बिल्डिंग के अंदर फंस गए हों
- किसी मजबूत दीवार के सहारे खड़े हो जाएं।
- टेबल या डेस्क के नीचे जाकर सिर ढकें।
- खिड़कियों, कांच व बाहर की ओर खुलने वाले दरवाजों से दूरी बनाए रखें।
- अलमारी, बड़े कैबिनेट, फ्रिज जैसी भारी चीजों के पास न खड़े हों।
- बिल्डिंग से बाहर निकलते समय
- टूटे सामान, कांच और बिजली की तारों से सावधान रहें।
विशेष ध्यान दें
- अगर छत या दीवार गिरने लगे तो मुंह-नाक को कपड़े/स्कार्फ/रूमाल से ढक लें।
- सड़क पर हों तो खुले स्थान की ओर जाएं और इमारतों, पुलों व इलेक्ट्रिक पोल से दूरी बनाए रखें।
- गाड़ी चला रहे हों तो धीरे-धीरे स्पीड कम करें और सड़क किनारे सुरक्षित जगह पर वाहन रोक दें।









