बिहार चुनाव में RJD की करारी शिकस्त के बाद रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान—परिवार से दूरी का ऐलान, संजय यादव पर गंभीर आरोप

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बिहार चुनाव में RJD की करारी शिकस्त के बाद रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान—परिवार से दूरी का ऐलान, संजय यादव पर गंभीर आरोप
बिहार चुनाव में RJD की करारी शिकस्त के बाद रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान—परिवार से दूरी का ऐलान, संजय यादव पर गंभीर आरोप

बिहार विधानसभा चुनाव में RJD की भारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव का परिवार भी अंदरूनी उथल-पुथल से गुजरता दिख रहा है। इसी बीच लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चौंकाने वाला ऐलान करते हुए कहा है कि वह परिवार और राजनीति—दोनों से किनारा कर रही हैं। उनके इस सार्वजनिक बयान ने RJD खेमे में सनसनी फैला दी है।

पोस्ट में रोहिणी ने राज्यसभा सांसद संजय यादव का नाम लेते हुए लिखा कि वह “सारा दोष खुद अपने ऊपर ले रही हैं।” इस घटनाक्रम ने लालू परिवार में मतभेदों की झलक और साफ कर दी है। रोहिणी के इस कदम से RJD समर्थकों में निराशा फैल गई है, जबकि परिवार के अन्य सदस्यों की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है।


पोस्ट में उठाए दो नाम—संजय यादव और रमीज़

रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट में लिखा— “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज़ ने यही करने को कहा था। मैं सारी ज़िम्मेदारी खुद ले रही हूं।” उनके इस बयान के बाद यह सवाल और गहरा हो गया है कि आखिर पार्टी के अंदर क्या चल रहा था, जिसकी वजह से रोहिणी को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा।


कौन हैं संजय यादव और रमीज़?

संजय यादव RJD के प्रभावशाली नेता हैं और तेजस्वी यादव के सबसे विश्वसनीय राजनीतिक सलाहकारों में शामिल हैं। वे वर्तमान में राज्यसभा सांसद भी हैं और तेजस्वी के रणनीतिक फैसलों में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है।

दूसरी ओर, रमीज़ सुल्तान भी तेजस्वी के बेहद करीबी माने जाते हैं। वे तेजस्वी के निजी सचिवालय (PSD) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मुस्लिम वोट बैंक से लेकर चुनावी कैंपेन तक—कई अहम मोर्चों पर रणनीति बनाने में शामिल रहे हैं। रमीज़ तेजस्वी यादव के ‘इनर सर्कल’ का हिस्सा समझे जाते हैं।


रोहिणी पर प्रदर्शन का ठीकरा फोड़ा गया?

सूत्रों के मुताबिक, RJD के खराब प्रदर्शन का कुछ आरोप रोहिणी पर भी लगाया गया। कहा गया कि परिवारिक विवादों को सार्वजनिक करने से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा। यही विवाद तेजस्वी और रोहिणी के बीच गहरी खाई का कारण बना।

बताया जाता है कि विवाद के बाद रोहिणी सिंगापुर चली गई थीं। बाद में उन्हें चुनाव प्रचार के लिए वापस बुलाया गया, लेकिन उन्हें केवल राघोपुर तक ही सीमित रखा गया। रोहिणी चाहती थीं कि वे छपरा क्षेत्र की अन्य सीटों पर भी प्रचार करें, मगर उन्हें अनुमति नहीं दी गई।


तेजस्वी के “Good Luck” को नज़रअंदाज़ करने की चर्चा

चुनाव के दिन सुबह काउंटिंग शुरू होने से पहले रोहिणी ने तेजस्वी को “Good Luck” संदेश भेजा था, लेकिन तेजस्वी की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इससे दोनों के रिश्तों में और दरार दिखाई देने लगी।

रमीज़, जो तेजस्वी के साथ क्रिकेट भी खेल चुके हैं और पूर्व सपा सांसद के दामाद हैं, तेजस्वी के सबसे विश्वसनीय सहयोगियों में गिने जाते हैं। वहीं संजय यादव को पहले से लगता था कि रोहिणी पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौती बन सकती हैं—जिससे तनाव और बढ़ता गया।