पी. चिदंबरम ने बिहार की मतदाता सूची पर उठाए सवाल, निर्वाचन आयोग से ‘डुप्लिकेट’ नामों पर मांगा जवाब

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कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बिहार की मतदाता सूची में डुप्लिकेट नामों पर उठाए सवाल।
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बिहार की मतदाता सूची में डुप्लिकेट नामों पर उठाए सवाल।

कांग्रेस नेता ने SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जताई शंका, कहा – “लोग जवाब के हकदार…”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग से यह स्पष्ट करने को कहा है कि राज्य की वयस्क आबादी का कितना हिस्सा मतदाता सूची में शामिल किया गया है, और क्या सूची में लगभग 5.2 लाख ‘डुप्लिकेट’ नाम मौजूद हैं?

चिदंबरम ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग पर किसी प्रकार की गड़बड़ी का आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन देश और बिहार के नागरिकों को पारदर्शिता के साथ जानकारी मिलनी चाहिए।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत सरकार के अनुसार बिहार की वयस्क आबादी का अनुमान क्या है? और मतदाता सूची में उसका कितना प्रतिशत शामिल किया गया है? क्या यह वास्तव में 90.7 प्रतिशत है?”

‘बाकी 9.3 प्रतिशत वयस्क आबादी कहां गई?’ – चिदंबरम का सवाल

कांग्रेस नेता ने आगे सवाल उठाया कि यदि 90.7 प्रतिशत वयस्क मतदाता सूची में हैं, तो बाकी 9.3 प्रतिशत का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में वयस्क आबादी का नाम सूची से बाहर रहना चिंताजनक है।

चिदंबरम ने पूछा, “मतदाता सूची में कितने नाम अस्पष्ट हैं? क्या यह संख्या लगभग 24,000 है? कितने मकान नंबर रिक्त या अमान्य हैं? क्या यह संख्या 2 लाख से अधिक है?”

H3: निर्वाचन आयोग से पारदर्शिता की मांग

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग को इन सवालों पर स्पष्ट और सार्वजनिक जवाब देना चाहिए। उन्होंने लिखा, “क्या चुनाव आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता के हित में कृपया इन सवालों के जवाब देगा?”

चिदंबरम की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य को लेकर राजनीतिक स्तर पर बहस तेज है। विपक्ष लगातार निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल उठा रहा है।