गले में लिपटे चाइनीज मांझे से कैसे बचाएं जान? जानिए ज़िंदगी बचाने वाली जरूरी तकनीक

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गले में लिपटे चाइनीज मांझे से कैसे बचाएं जान?

पतंगबाजी का शौक कई लोगों के लिए जुनून होता है, लेकिन यह शौक कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है। खासकर तब जब इसमें चाइनीज मांझे का इस्तेमाल हो रहा हो। पतंग उड़ाने के दौरान यह मांझा लोगों के लिए किसी धारदार हथियार से कम नहीं होता। कई बार ये इतना खतरनाक साबित होता है कि लोगों की जान तक ले लेता है। गले में लिपटते ही यह मांझा गहरे घाव कर देता है और समय पर इलाज न मिले तो जान बचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि ऐसी स्थिति में क्या करें और कैसे खुद को सुरक्षित रखें।

चाइनीज मांझे की चपेट में आने पर क्या करें?

शांत रहें: अगर चाइनीज मांझा गर्दन या शरीर के किसी हिस्से में फंस जाए तो घबराने के बजाय शांत रहें। झटके या तेजी से प्रतिक्रिया देने पर मांझा गहराई तक कट लगा सकता है।

घाव वाली जगह को ढकें: जहां मांझा फंसा है वहां तुरंत हाथ रखें और स्किन व मांझे के बीच कोई कपड़ा या रुमाल डालें ताकि कट को और गहरा होने से रोका जा सके।

खींचें नहीं: मांझे को खींचने की कोशिश न करें। इससे चोट बढ़ सकती है। धीरे-धीरे ढीला करते हुए उसे निकालने का प्रयास करें। अगर कोई चाबी या पेन जैसी वस्तु पास हो तो उससे सावधानी से मांझा काटें।

वाहन रोके: यदि आप दोपहिया वाहन चला रहे हैं और मांझा फंस गया है तो तुरंत ब्रेक लगाकर किनारे रुकें। बिना रुके मांझा से निकलना और भी खतरनाक हो सकता है।

अगर कट लग जाए तो: कट लगने पर तुरंत साफ कपड़े से दबाएं ताकि खून बहना रुके। एंटीसेप्टिक लगाएं और बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

खुद को ऐसे कर सकते हैं सुरक्षित

  • टू-व्हीलर के आगे U-शेप की मोटी केबल लगाएं, जो मांझा को शील्ड की तरह रोके।
  • बाइक या स्कूटर चलाते समय हेलमेट के साथ गर्दन को पूरी तरह कवर करें।
  • बच्चों को चाइनीज मांझे से दूर रखें।
  • पैदल चलने पर स्कार्फ या मफलर का इस्तेमाल करें ताकि गर्दन सुरक्षित रहे।
  • पतंगबाजी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतें और धीरे वाहन चलाएं।

चाइनीज मांझा आखिर है क्या?

चाइनीज मांझा प्लास्टिक और धातु के मिश्रण से बना होता है जो इसे बेहद धारदार और मजबूत बनाता है। यह सामान्य सूती मांझे की तुलना में न केवल अधिक खतरनाक होता है, बल्कि इसमें करंट भी प्रवाहित हो सकता है। यही कारण है कि इससे पक्षी और इंसानों की मौत के मामले भी सामने आए हैं।

Disclaimer: उपरोक्त जानकारी विभिन्न मीडिया स्रोतों पर आधारित है। कृपया किसी भी उपाय को आजमाने से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लें।