बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत के बाद आयोजित विक्ट्री परेड से पहले हुई भगदड़ की दर्दनाक घटना पर अब सियासत गरमा गई है। हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और कई दर्जन लोग घायल हुए। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस त्रासदी के लिए कर्नाटक सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए इसे ‘सरकार की लापरवाही’ और ‘राजनीतिक अहम’ का परिणाम करार दिया है।
बीजेपी का सीधा हमला: यह हादसा नहीं, ‘सरकारी त्रासदी’ थी
बीजेपी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह केवल एक भीड़भाड़ वाली दुर्घटना नहीं थी, बल्कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता और क्रेडिट लेने की होड़ का परिणाम था। पार्टी ने इसे “सरकार निर्मित आपदा” बताया।
राहुल गांधी पर भी उठाए सवाल
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह हर रोज सेना और प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करते हैं, लेकिन इस दुखद घटना पर अब तक उनका कोई बयान नहीं आया। बीजेपी ने मांग की कि राहुल गांधी तत्काल कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाएं और उनसे जवाब लें।
‘त्यागपत्र दें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री’
बीजेपी नेताओं ने नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की। साथ ही, डीके शिवकुमार से कहा गया कि उन्हें राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
“तीन लाख लोग पहुंचे कैसे?” – भीड़ प्रबंधन पर सवाल
बीजेपी ने इस घटना की पृष्ठभूमि पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी, तो फिर आयोजन हुआ कैसे? इतना बड़ा जनसमूह वहां पहुंचा कैसे? क्या आयोजकों को कोई आधिकारिक अनुमति प्राप्त थी?
आईपीएल चेयरमैन से भी जवाब तलब
पार्टी ने यह भी बताया कि आईपीएल चेयरमैन ब्रिजेश पटेल ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें इस कार्यक्रम की कोई पूर्व जानकारी नहीं थी, जिससे आयोजन में भारी प्रशासनिक गड़बड़ियों का संकेत मिलता है।
“शर्मनाक है कि मौतों के बीच चला जश्न”
बीजेपी ने कहा कि घटना के दौरान जब लोग जान गंवा रहे थे और कई अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहे थे, तब वहां सेलिब्रेशन जारी था — यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय है।
“जब अल्लू अर्जुन पर कार्रवाई हुई, तो यहां क्यों नहीं?”
बीजेपी ने एक पुराने भगदड़ मामले में अभिनेता अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए सवाल किया कि जब वहां कानूनी कार्रवाई संभव थी, तो फिर सिद्धारमैया और शिवकुमार पर अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया?
टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग का आरोप भी जोड़ा
भाजपा ने यह भी दावा किया कि इस आयोजन में 25,000 अतिरिक्त टिकट बेचे गए, जिससे भीड़ पर नियंत्रण टूट गया और यह भयावह हादसा हुआ। पार्टी ने मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिम्मेदारों को कड़ी सजा दी जाए।