पुरानी कर व्यवस्था से नई कर व्यवस्था में स्विच करने वाले करदाताओं को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि नई व्यवस्था में धारा 80C, 80D और 80CCD(1) के तहत मिलने वाली कर छूट समाप्त कर दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नई कर व्यवस्था के तहत पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करना अभी भी लाभदायक है? आइए जानते हैं विशेषज्ञों का क्या कहना है।
नई कर व्यवस्था और करदाताओं के विकल्प
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, सिरिल अमरचंद मंगलदास के कर विशेषज्ञ एस.आर. पटनायक का कहना है कि वेतनभोगी और गैर-व्यावसायिक आय वाले करदाता हर वित्तीय वर्ष में अपनी सुविधा के अनुसार पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसी एक को चुन सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि रिटर्न भरते समय उनके पास दोनों व्यवस्थाओं के बीच चयन का विकल्प खुला रहता है।
- 1 अप्रैल 2025 से नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब
- 4 लाख रुपये तक – कोई कर नहीं
- 4 से 8 लाख रुपये तक – 5% कर
- 8 से 12 लाख रुपये तक – 10% कर
- 12 से 16 लाख रुपये तक – 15% कर
- 16 से 20 लाख रुपये तक – 20% कर
- 20 से 24 लाख रुपये तक – 25% कर
- 24 लाख रुपये से अधिक – 30% कर
- पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब
- 2.5 लाख रुपये तक – कोई कर नहीं
- 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक – 5% कर
- 5 लाख से 10 लाख रुपये तक – 20% कर
- 10 लाख रुपये से अधिक – 30% कर
- पुरानी कर व्यवस्था में मिलने वाली कर छूट
- पुरानी व्यवस्था में करदाताओं को विभिन्न प्रकार की कर कटौतियों का लाभ मिलता था।
धारा 80C, 80D, 80CCD(1), 80CCD(2), 80CCD(1B), 80G, 80TTA और 80TTB के तहत PPF, ELSS और LIC प्रीमियम पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ मिलता था।
धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर छूट मिलती थी।
धारा 24(b) के तहत होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता था।
इसके अलावा, HRA और LTA जैसी अन्य कर कटौतियां भी उपलब्ध थीं।
क्या PPF, SSY और NPS में निवेश अभी भी लाभदायक है?
क्लियरटैक्स की टैक्स विशेषज्ञ शेफाली मुंद्रा के अनुसार, केवल कर छूट के लिए निवेश करना सही रणनीति नहीं है। निवेश का मुख्य उद्देश्य वित्तीय सुरक्षा और दीर्घकालिक आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करना होना चाहिए। भले ही नई कर व्यवस्था में PPF, SSY और NPS पर कर छूट समाप्त कर दी गई हो, लेकिन इन निवेश साधनों के कई फायदे अभी भी बरकरार हैं।
- नियमित बचत: ये योजनाएं आपकी वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में मदद करती हैं।
- रिटायरमेंट लाभ: PPF और NPS जैसे विकल्प रिटायरमेंट के समय स्थिर आय का स्रोत बन सकते हैं।
- जोखिम-मुक्त रिटर्न: PPF और SSY जैसे निवेश विकल्पों में बाजार जोखिम नहीं होता, जिससे सुरक्षित रिटर्न मिलता है।
वित्तीय योजना पर ध्यान देना जरूरी
मुंद्रा आगे कहती हैं कि कर योजना (Tax Planning) आपकी संपूर्ण वित्तीय योजना का एक हिस्सा होनी चाहिए। निवेश की रणनीति केवल कर लाभ पर आधारित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें दीर्घकालिक वित्तीय स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
नई कर व्यवस्था अपनाने के बाद भले ही कर छूट के कुछ लाभ समाप्त हो गए हों, लेकिन PPF, SSY और NPS जैसी योजनाओं में निवेश अभी भी एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है। यह निवेश आपको न केवल बचत करने की आदत विकसित करने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में स्थिर और सुरक्षित रिटर्न भी प्रदान करेगा।