Poliovirus Cases in Pakistan: भारत 2014 में पोलियो मुक्त देश घोषित हो चुका है, लेकिन हाल ही में पाकिस्तान में पोलियो के बढ़ते मामलों ने भारत में चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तान के 12 जिलों में पोलियो वायरस मिलने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या भारत में यह बीमारी फिर से लौट सकती है? पाकिस्तान और भारत के बीच सीमा से होकर लगातार लोगों का आवागमन होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। यही कारण है कि भारत सरकार और स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना होगा, ताकि इस घातक बीमारी को दोबारा देश में प्रवेश करने से रोका जा सके।
पोलियो: एक गंभीर और जानलेवा बीमारी
पोलियो एक वायरल संक्रमण है, जो पोलियोवायरस के कारण फैलता है। यह मुख्य रूप से गंदे पानी, दूषित भोजन या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इस बीमारी से संक्रमित 95% लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन वे इसे दूसरों तक फैला सकते हैं। कुछ मामलों में यह बीमारी लकवे (Paralysis) या मृत्यु का कारण बन सकती है।
भारत में पोलियो कब और कैसे खत्म हुआ?
भारत ने पोलियो को समाप्त करने के लिए बड़े स्तर पर पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू किया।
- 2 अक्टूबर 1995 को इस अभियान की शुरुआत हुई, जिसमें 5 साल से कम उम्र के सभी बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई।
- साल 2011 में भारत में आखिरी पोलियो मामला दर्ज हुआ।
- 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया।
यह सफलता सरकार, स्वास्थ्य संगठनों और आम जनता के सामूहिक प्रयासों से संभव हुई। लेकिन, अब पाकिस्तान में बढ़ते मामलों ने भारत के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।
क्या पोलियो फिर से भारत लौट सकता है?
हालांकि भारत में टीकाकरण दर बहुत अच्छी है, फिर भी संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है। मुख्य कारण –
1️⃣ सीमा पार आवागमन: पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भारत आते-जाते रहते हैं।
2️⃣ टीकाकरण की अनदेखी: अगर पोलियो टीकाकरण में किसी तरह की कमी आती है, तो यह वायरस फिर से सक्रिय हो सकता है।
3️⃣ स्वच्छता और जागरूकता: पोलियो दूषित पानी और गंदगी से फैलता है, इसलिए स्वच्छता बेहद जरूरी है।
कैसे बचा जा सकता है?
पोलियो टीकाकरण को 100 प्रतिशत लागू रखना जरूरी है। सीमा पर निगरानी बढ़ानी होगी और आने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच करनी होगी। साथ ही स्वच्छता और जागरूकता अभियान जारी रखना होगा।
भारत ने पोलियो को खत्म करने के लिए दशकों तक मेहनत की है, लेकिन पाकिस्तान में बढ़ते मामलों को देखते हुए अब भारत को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। अगर हमने सावधानी नहीं बरती, तो यह बीमारी फिर से लौट सकती है। इसलिए, वैक्सीनेशन, निगरानी और जागरूकता के माध्यम से हमें इसे रोकने के लिए तैयार रहना होगा।