बॉलीवुड को ‘कर्ज’, ‘राम लखन’, ‘खलनायक’ और ‘परदेस’ जैसी कई यादगार फिल्में देने वाले दिग्गज फिल्ममेकर सुभाष घई लंबे समय से निर्देशन से दूर हैं। उन्होंने जैकी श्रॉफ और महिमा चौधरी जैसे कलाकारों को लॉन्च कर उन्हें स्टारडम तक पहुंचाया, लेकिन अब उन्होंने फिल्में बनाना बंद कर दिया है। इस फैसले की वजह को लेकर हाल ही में उन्होंने खुलकर बात की।
अब सिनेमा के लिए प्यार नहीं दिखता – सुभाष घई
सुभाष घई ने यूट्यूब चैनल ‘गेम चेंजर्स’ से बातचीत में बताया कि उन्होंने फिल्म मेकिंग से दूरी क्यों बना ली। उन्होंने कहा, “अब लोगों में सिनेमा के लिए वही जुनून नहीं बचा है, यहां तक कि मेरी खुद की टीम में भी नहीं। सभी लोग बस काम कर रहे हैं, लेकिन उस क्रिएटिविटी और पैशन की कमी नजर आती है।”
घई ने यह भी बताया कि फिल्म निर्माण अब एक व्यापारिक लेन-देन बनकर रह गया है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, “मैंने एक राइटर को कहानी विकसित करने का आइडिया दिया। उसने कहा कि 15 दिनों में पूरी कर देगा, तीन दिन में पहला ड्राफ्ट तैयार कर देगा और एडवांस में अपनी पूरी फीस भी मांग ली। उसने मुझे सटीक तारीखें भी दे दीं कि कब तक कहानी तैयार होगी। तब मैंने उससे पूछा – ‘तू रोटियां पका रहा है?’ ऐसे माहौल में मैं कैसे काम कर सकता हूं?”
उन्होंने आगे फिल्म इंडस्ट्री के वर्तमान कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए कहा, “आजकल लोग स्क्रिप्ट और डायलॉग व्हाट्सएप पर लिखते हैं। हर चीज ईमेल में निपटाने की कोशिश करते हैं। अब सिनेमा में वो गहराई और समर्पण नहीं दिखता।”
बॉलीवुड में नए सुपरस्टार क्यों नहीं बन रहे?
सुभाष घई ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में नए सुपरस्टार्स के न उभरने पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा, “इसी वजह से हिंदी सिनेमा अब नए सुपरस्टार्स पैदा नहीं कर पा रहा है। आज भी 80 के दशक के सितारे इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं – सलमान खान, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, आमिर खान और बाकी बड़े नाम। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि वे उस दौर की संस्कृति और मेहनत से आए हैं।”
आगे उन्होंने सवाल उठाया कि “पिछले 10 सालों में कितने सुपरस्टार बने? रणबीर कपूर के अलावा कोई भी नहीं। यही बताता है कि इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत है।” सुभाष घई के इन विचारों से साफ झलकता है कि बॉलीवुड में फिल्म निर्माण की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आ चुका है, लेकिन यह बदलाव कितना सही या गलत है, इस पर बहस जारी है।