इस साल फरवरी का महीना देशभर में अब तक का सबसे गर्म दर्ज किया गया। साल 1901 से तापमान रिकॉर्ड रखने की शुरुआत के बाद यह सबसे ज्यादा गर्म फरवरी साबित हुई। यानी, इसने पिछले 125 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसी तरह, जनवरी भी असामान्य रूप से गर्म रहा और यह 125 वर्षों में तीसरा सबसे गर्म जनवरी बना। इससे पहले, 2024 का जनवरी सबसे गर्म दर्ज किया गया था।
सर्दियों के इन महीनों में लगातार तापमान का रिकॉर्ड तोड़ना चिंताजनक संकेत दे रहा है। इसका सीधा असर ठंड की फसलों पर पड़ सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले महीनों में भी गर्मी का असर कम नहीं होने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, मार्च से मई तक की अवधि में भी तापमान सामान्य से अधिक रहने वाला है।
फरवरी में तापमान बढ़ने की वजह
इस साल फरवरी का औसत तापमान 22.04 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.34 डिग्री सेल्सियस अधिक था। भारत को चार प्रमुख क्षेत्रों में बांटा जाता है, जिनमें अलग-अलग स्तर पर तापमान में बढ़ोतरी देखी गई:
- मध्य भारत में अब तक की सबसे गर्म फरवरी दर्ज की गई।
- दक्षिण भारत में यह तीसरी सबसे गर्म फरवरी रही।
- उत्तर-पश्चिम भारत में यह पांचवां सबसे गर्म फरवरी महीना था।
- पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में यह नौवां सबसे गर्म फरवरी रहा।
- इस बार मध्य भारत का औसत तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस, दक्षिण भारत का 26.75 डिग्री सेल्सियस, पूर्वोत्तर भारत का 20.14 डिग्री सेल्सियस और उत्तर-पश्चिम भारत का औसत तापमान 17.11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा, इस फरवरी में 1901 के बाद से सबसे गर्म न्यूनतम तापमान और दूसरा सबसे गर्म अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया।
गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि मार्च से मई तक कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ेगी। दक्षिण भारतीय राज्यों और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों को छोड़कर, मध्य और उत्तर भारत में रिकॉर्डतोड़ तापमान देखा जा सकता है। अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, और उत्तर, मध्य और पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में लू (हीटवेव) का भी प्रकोप रहने की संभावना है। IMD के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में मार्च से मई तक तेज गर्मी देखने को मिलेगी। केवल कुछ सीमित क्षेत्रों को छोड़कर, पूरे भारत में गर्मी के नए रिकॉर्ड बनने की संभावना जताई गई है।