प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार और टैरिफ को लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन इस बातचीत के कुछ ही दिनों बाद ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जल्द ही भारत और चीन जैसे देशों पर ‘जैसा को तैसा’ टैरिफ लगाएगा।
अमेरिका भी टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में
शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान किया कि अमेरिका उन देशों पर वही टैरिफ लगाएगा, जो वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। उन्होंने कहा, “हम बहुत जल्द रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेंगे। चाहे भारत हो या चीन, अगर वे हमसे ज्यादा शुल्क वसूलते हैं, तो हम भी उनके उत्पादों पर उतना ही शुल्क लगाएंगे। हम निष्पक्ष व्यापार चाहते हैं, लेकिन अब तक हमने ऐसा नहीं किया।”
पहले कार्यकाल में भी भारत पर साधा था निशाना
यह पहला मौका नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की व्यापार नीति पर आपत्ति जताई है। अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने उन देशों के खिलाफ कड़े टैरिफ लगाए थे, जो अमेरिकी सामान पर ज्यादा शुल्क लगाते थे। भारत भी उन देशों में शामिल था और ट्रंप ने इसे “टैरिफ किंग” तक कहा था।
कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भी बढ़ेगा दबाव
इस बार भी ट्रंप का रवैया आक्रामक ही दिख रहा है। वे पहले ही कनाडा और मैक्सिको से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुके हैं। चीन पर भी 10% अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी हो चुकी है। अब उनकी अगली नजर भारत समेत अन्य देशों पर है।
हार्ले डेविडसन का मुद्दा फिर उठा
ट्रंप ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात से पहले भी भारत की टैरिफ नीति को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि भारत में व्यापार करना आसान नहीं है, क्योंकि वहां आयात शुल्क बहुत अधिक है। उन्होंने हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिलों का उदाहरण देते हुए कहा, “भारत में टैरिफ इतना ज्यादा था कि हार्ले डेविडसन को वहां निर्माण करने के लिए मजबूर किया गया।”
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान स्पष्ट करता है कि अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं, तो भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उनके कड़े रुख के चलते दोनों देशों के संबंधों पर इसका असर पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि भारत इस चुनौती का सामना कैसे करता है।