दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: सीएम पद की दौड़ में 7 दावेदार, बीजेपी किसे सौंपेगी कमान? जानें कौन होगा अगला मुख्यमंत्री

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कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?
कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज शामिल हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी। इस दौड़ में फिलहाल सात नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन हैं और उनकी दावेदारी कितनी मजबूत है।

1. प्रवेश सिंह वर्मा

इस सूची में पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा का है। वे पश्चिमी दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 5.78 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी, जो दिल्ली के इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में से एक थी। इस बार उन्होंने अरविंद केजरीवाल को 4,099 वोटों से हराया है।

प्रवेश सिंह वर्मा का संघ से गहरा नाता है। उन्होंने अभी तक लड़े गए सभी चुनाव जीते हैं। इस बार वे लोकसभा चुनाव में नहीं उतरे, जिससे संकेत मिलते हैं कि बीजेपी ने उन्हें रणनीति के तहत दिल्ली विधानसभा में भेजा है। जाट समुदाय से आने वाले प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी हरियाणा में नॉन-जाट मुख्यमंत्री की वजह से उपजी नाराजगी को कम करने की कोशिश कर सकती है। साथ ही, किसान आंदोलन के प्रभाव को भी कम करने की रणनीति बनाई जा सकती है।

2. मनोज तिवारी

उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली के सात में से छह सांसदों के टिकट काट दिए थे, लेकिन मनोज तिवारी को फिर से मौका दिया गया। वे 2016 से 2020 तक दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं। पूर्वांचल वोटर्स के बीच उनकी लोकप्रियता काफी अधिक है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकती है।

3. मनजिंदर सिंह सिरसा

मनजिंदर सिंह सिरसा 2013 और 2017 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2020 में वे तीसरी बार राजौरी गार्डन से विधायक चुने गए। 2021 में वे अकाली दल छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और अगस्त 2023 में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री बनाए गए। दिल्ली में सिख समुदाय के बड़े नेता माने जाने वाले सिरसा की दावेदारी इसलिए भी मजबूत है क्योंकि उनके नेतृत्व से बीजेपी पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है।

4. स्मृति ईरानी

बीजेपी स्मृति ईरानी को भी मुख्यमंत्री पद के लिए चुन सकती है। वे 2010 से 2013 तक भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्हें मंत्री बनाया गया, और 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को हराकर अमेठी सीट पर जीत दर्ज की। वर्तमान में बीजेपी के किसी भी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं हैं। ऐसे में स्मृति ईरानी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी महिला वोटर्स को मजबूत संदेश दे सकती है।

5. विजेंद्र गुप्ता

विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। वे दो बार दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। 2015 के चुनाव में, जब बीजेपी के पास दिल्ली विधानसभा में केवल तीन विधायक थे, तब उनमें से एक विजेंद्र गुप्ता थे। वे दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संघ व संगठन में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।

6. मोहन सिंह बिष्ट

मोहन सिंह बिष्ट ने 1998 से 2015 तक लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते। हालांकि, 2015 में उन्हें कपिल मिश्रा से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2020 में वे फिर से विधायक चुने गए।

2025 में बीजेपी ने उनकी सीट बदलकर मुस्लिम बहुल क्षेत्र मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ाया, जहां से उन्होंने जीत दर्ज की। मोहन बिष्ट की संघ और संगठन में अच्छी पकड़ है और पहाड़ी समुदाय में उनका प्रभाव काफी अच्छा माना जाता है।

7. वीरेंद्र सचदेवा

वीरेंद्र सचदेवा 2007-2009 तक चांदनी चौक और 2014-2017 तक मयूर विहार भाजपा जिला अध्यक्ष रहे। वे 2009-2012 तक दिल्ली भाजपा प्रदेश मंत्री और 2012-2014 तक भाजपा के प्रशिक्षण प्रभारी भी रहे। इसके अलावा, 2020 से 2023 तक वे प्रदेश उपाध्यक्ष रहे और 2023 में दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। उनकी संगठनात्मक क्षमता और दिल्ली भाजपा में मजबूत पकड़ को देखते हुए वे भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं।