भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच गौतम गंभीर इन दिनों आलोचनाओं के घेरे में हैं। टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन को लेकर कई पूर्व खिलाड़ी और फैंस उन पर सवाल उठा रहे हैं। इसी बीच, भारतीय क्रिकेट टीम और कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने गंभीर पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘ढोंगी’ करार दिया। तिवारी ने इसके पीछे के कारण को स्पष्ट रूप से समझाया और प्रूफ के साथ अपनी बात रखी।
गौतम गंभीर पर मनोज तिवारी का आरोप
मनोज तिवारी का आरोप है कि गंभीर के कहने और करने में फर्क है। उन्होंने गंभीर के एक पुराने इंटरव्यू का जिक्र किया, जिसमें गंभीर ने विदेशी कोचों को लेकर आलोचनात्मक बयान दिया था। गंभीर ने कहा था कि विदेशी कोचों में भावना की कमी होती है। वे सिर्फ पैसा कमाने और आनंद लेने आते हैं। हालांकि, मनोज तिवारी का दावा है कि गंभीर की खुद की कोचिंग टीम में विदेशी कोच शामिल हैं, जो उनके इस बयान के विपरीत है।
तिवारी ने क्या कहा?
मनोज तिवारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा: “मैंने उन्हें ‘ढोंगी’ क्यों कहा? इसका कारण उनका पुराना बयान है। एक इंटरव्यू में गंभीर ने कहा था कि विदेशी कोचों में भावना नहीं होती। वे सिर्फ पैसे के लिए आते हैं।”
तिवारी ने यह भी जोड़ा कि जब गंभीर के पास भारतीय कोच और भारतीय मूल के सपोर्ट स्टाफ चुनने का मौका था, तब उन्होंने विदेशी कोचों को अपने स्टाफ में शामिल किया। गंभीर ने रयान टेन डोशेट को असिस्टेंट कोच और मोर्ने मोर्कल को बॉलिंग कोच बनाया।
‘बातों और काम में फर्क’
मनोज तिवारी ने गंभीर की कोचिंग स्टाइल पर सवाल उठाते हुए कहा: “जब उनके पास पूरी तरह भारतीय सपोर्ट स्टाफ चुनने का विकल्प था, तो उन्होंने विदेशी कोचों को क्यों शामिल किया? उनके काम और उनके शब्दों में तालमेल नहीं है। यही कारण है कि मैंने उन्हें ‘ढोंगी’ कहा।”
टीम इंडिया के प्रदर्शन पर सवाल
टीम इंडिया के हालिया प्रदर्शन ने गंभीर को आलोचनाओं के केंद्र में ला दिया है। उनके नेतृत्व में टीम को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं, और कई विशेषज्ञ उनकी रणनीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। मनोज तिवारी का यह बयान विवाद को और बढ़ा सकता है। गौतम गंभीर की प्रतिक्रिया अभी तक इस पर सामने नहीं आई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इन आरोपों का कैसे जवाब देते हैं।