एनकाउंटर पर उठते सवालों के बीच यूपी सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस

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यूपी सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस
यूपी सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस

उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच अब नई गाइडलाइन जारी की गयी है। जारी हुए नये दिशानिर्देश के अनुसार अब जो टीम एनकाउंटर कर रही होगी, उसे अपराधी की मौत या घायल होने पर एनकाउंटर साइट की वीडियोग्राफी करानी होगी। अपराधी की मौत होने पर डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा जिसी वीडियोग्राफी भी अनिवार्य होगी। अपराधी की मौत पर मुठभेड़ वाले स्थान की फॉरेंसिक टीम भी जांच करेगी। ए बड़ी निर्णय ये हुआ है कि, जिस क्षेत्र में मुठभेड़ हुई है, उस थानाक्षेत्र की पुलिस मामले की जांच नहीं करेगी।

क्राइम ब्रांच या अन्य थानों की पुलिस से जांच कराई जाएगी। नयी गाइडलाइन के अनुसार, शूटआउट में शामिल अफसरों के रैंक के ऊपर के अधिकारी ही घटना की जांच कर सकेंगे। मारे गये बदमाश के परिजनों को तुरंत ही घटना की सूचना देना भी नयी गाइडलाइन में अनिवार्य किया गया है। नयी गाइडलाइन के अनुसार, मुठभेड़ में प्रयोग किये गए असलहों को जांच के लिये सरेंडर करना होगा। जिन मामलों में अपराधी गंभीर रूप से घायल होते हैं, उनसे बरामद हथियारों का बैलिस्टिक परीक्षण भी कराया जाएगा।

यूपी पुलिस को निर्देश दिया गया है कि जिन मामलों में पुलिसकर्मी और अपराधी घायल होते हैं उनमें दोनों की मेडिकल रिपोर्ट सीडी में संलग्न की जाए. पुलिस कार्रवाई के सभी मामलों में डीजी परिपत्र 2017 में दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जाए। साथ ही साथ दी गई गाइडलाइंस के आधार पर कार्रवाई की जाए ताकि कभी भी असहज स्थिति खड़ी न हो सके।