Mahashivratri 2024: पंचांग के अनुसार हर साल महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि व्रत करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन शिव जी की पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। शिव भक्तों को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह हुआ था और साथ ही यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का दिन है। महाशिवरात्रि का महापर्व भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग धन लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य करना या फिर नौकरी में नई शुरुआत करना अच्छा माना जाता है।
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि 2024 के मुहूर्त
- फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत: 08 मार्च, शुक्रवार, रात 09:57 बजे से
- फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: 9 मार्च, शनिवार, शाम 06:17 pm तक
- महाशिवरात्रि निशिता पूजा मुहूर्त: देर रात में 12:07 AM से 12:56 AM तक
- दिन में महाशिवरात्रि की पूजा का समय: ब्रह्म मुहूर्त 05:01 AM से प्रारंभ
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पूजन विधि
- शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी स्नानादि कर निवृत्त हो जाएं।
- महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं।
- शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को केसर मिश्रित जल से 8 बार अभिषेक करें और चंदन का तिलक लगाएं।
- घर के मंदिर में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा की शुरुआत गणेश जी से करें और उसके बाद शिव जी का पूजन शुरू करें।
- ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
- इसके बाद रात भर अखंड दीपक जलाएं।
- शिव जी की आरती और परिक्रमा करें।
- आठ नामों भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान को लेकर फूल अर्पित करें।
- बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं।
- व्रत निराहार ही रखें, पूरेदिन में आप केवल दूध, फल या जूस का सेवन कर सकते हैं।
विशेष मंत्र
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते समय 108 बार ‘ॐ पार्वतीपतये नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में अकाल संकट नहीं आता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। APN NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है। )
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