भारत दौरे पर आएंगे पुतिन, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहला दौरा, पीएम मोदी संग अहम चर्चा की उम्मीद

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भारत दौरे पर आएंगे पुतिन
भारत दौरे पर आएंगे पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। यह उनकी रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली भारत यात्रा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते वर्ष रूस दौरे के दौरान पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया था, जिसे अब उन्होंने स्वीकार कर लिया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुतिन की भारत यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं, हालांकि उन्होंने सटीक तारीख का खुलासा नहीं किया।

भारत-रूस संबंधों को मिलेगी नई मजबूती

लावरोव ने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। अब हमारी बारी है।” यह यात्रा खास मानी जा रही है क्योंकि भारत और रूस के बीच दशकों पुराने मजबूत रिश्ते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के बाद पहली विदेश यात्रा में रूस का दौरा किया था, अब पुतिन का भारत आना दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेगा।

यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मुद्दों पर होगी चर्चा

इस दौरे के दौरान पुतिन और पीएम मोदी के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से बदलते वैश्विक समीकरण और अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। भारत ने अब तक यूक्रेन युद्ध पर संतुलित रुख अपनाया है। पीएम मोदी ने भी पुतिन से कहा था, “यह युद्ध का युग नहीं है।” भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्तावों पर मतदान से परहेज किया और सार्वजनिक रूप से पुतिन की आलोचना से बचा है।

नई वार्ताओं का बन सकता है मंच

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में एक अलग रणनीति अपनाते हुए रूस और यूक्रेन दोनों की यात्रा की थी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेन्स्की से मुलाकात की थी। इसके अलावा, वह अक्टूबर में रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन में भी शामिल हुए थे। पुतिन की यह यात्रा दोनों देशों के बीच नए समझौतों और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर संभावित वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

2021 में आखिरी बार भारत आए थे पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछली बार 6 दिसंबर 2021 को भारत आए थे। तब उनकी यात्रा केवल 4 घंटे की थी, लेकिन इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इनमें सैन्य और तकनीकी सहयोग से जुड़े करार भी शामिल थे। अब उनकी नई यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग को और विस्तार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।