भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के क़िंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में जबरदस्त कड़ा संदेश दिया। इस मंच पर पाकिस्तान और चीन की मौजूदगी में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति को दोहराया और कहा कि आतंक के खिलाफ भारत कोई समझौता नहीं करेगा।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के सामने तीखा हमला
बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे, लेकिन राजनाथ सिंह ने बिना किसी हिचक के आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए दो टूक कहा कि निर्दोष लोगों का खून बहाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देश आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और सीमा पार आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति बना चुके हैं — यह सीधा इशारा पाकिस्तान की ओर था।
पहलगाम हमले का जिक्र और लश्कर-ए-तैयबा पर हमला
राजनाथ सिंह ने हाल ही में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए बताया कि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। उन्होंने कहा कि इस संगठन के लश्कर-ए-तैयबा से संबंध हैं, जो पहले से ही संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल है।
शांति और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शांति और आतंकवाद एक साथ संभव नहीं हैं, इसलिए निर्णायक कार्रवाई जरूरी है। राजनाथ सिंह ने SCO के सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और दोहरा रवैया अपनाने वाले देशों की निंदा करने की अपील की।
भारत की सोच: सबका कल्याण
राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई भी देश, चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अकेले काम नहीं कर सकता। संवाद और सहयोग से ही समाधान संभव है। उन्होंने भारत की प्राचीन विचारधारा ‘सर्वे जना सुखिनो भवन्तु’ का हवाला देते हुए कहा कि भारत सबके कल्याण की बात करता है और यही उसका मूल दृष्टिकोण है।
चीन और रूस के साथ संभावित द्विपक्षीय बैठक
राजनाथ सिंह की यह यात्रा भारत-चीन सीमा विवाद (मई 2020) के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली चीन यात्रा है, इसलिए यह विशेष रूप से अहम मानी जा रही है। उनके चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून और रूसी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता की संभावना जताई जा रही है।
क़िंगदाओ पहुंचने पर भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने राजनाथ सिंह का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। चीन के रक्षा मंत्री ने भी व्यक्तिगत रूप से उनकी अगवानी की। SCO बैठक से पहले सभी देशों के रक्षा मंत्रियों ने समूह फोटो में हिस्सा लिया।
चीन के दरबार में भारत की सख्ती
इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री सिर झुकाकर बैठे रहे जबकि भारत ने खुले मंच पर आतंकवाद और आतंक का समर्थन करने वाले देशों की कड़ी आलोचना की। चीन जैसे सहयोगी देश के सामने पाकिस्तान को भारत की यह दो टूक बात सुननी पड़ी। राजनाथ सिंह के इस रुख ने न सिर्फ पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया बल्कि चीन को भी स्पष्ट संदेश दे दिया कि भारत अब किसी भी स्तर पर आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा।