PM मोदी दो दिवसीय मॉरीशस दौरे पर, महत्वपूर्ण समझौतों पर होगी मुहर – जानें 10 मुख्य बिंदु

0
4
PM मोदी दो दिवसीय मॉरीशस दौरे पर
PM मोदी दो दिवसीय मॉरीशस दौरे पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 11 मार्च को मॉरीशस की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पोर्ट लुइस पहुंचे। वह इस दौरान द्वीप राष्ट्र के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में बतौर सम्मानित अतिथि शिरकत करेंगे।

PM मोदी के मॉरीशस दौरे का मुख्य एजेंडा

प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर इस यात्रा पर गए हैं। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, क्षमता निर्माण और सीमा पार वित्तीय अपराधों से निपटने से संबंधित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

बुधवार, 12 मार्च को भारतीय नौसेना के युद्धपोत, भारतीय वायुसेना की आकाश गंगा स्काइडाइविंग टीम और भारत के सशस्त्र बलों की टुकड़ी मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह का हिस्सा बनेगी।

मॉरीशस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक संबंध गहरे हैं, और यह साझेदारी दोनों देशों के नागरिकों की उन्नति और समृद्धि में योगदान देगी।

पीएम मोदी ने मॉरीशस को हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का करीबी समुद्री पड़ोसी और एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास, लोकतांत्रिक मूल्यों की समानता और सांस्कृतिक विविधता हमारी साझी ताकत है।

प्रधानमंत्री अपने प्रवास के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे। वह राजनीतिक दलों के नेताओं और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी संवाद करेंगे। इसके अलावा, वह भारत की सहायता से निर्मित सिविल सेवा कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान भारतीय नौसेना और मॉरीशस के बीच व्हाइट शिपिंग पर डेटा साझा करने को लेकर एक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। साथ ही, छोटे और मध्यम उद्यमों के विकास, वित्तीय अपराधों की रोकथाम और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और मॉरीशस के प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) होगा, जो समुद्री क्षेत्र प्रबंधन और महासागर अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा देगा। भारत का प्रवर्तन निदेशालय (ED) और मॉरीशस का वित्तीय अपराध आयोग भी वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और उससे जुड़े अपराधों की रोकथाम के लिए तकनीकी और खुफिया सहयोग को मजबूत करना है।

पीएम मोदी पहले भी 2015 और 1998 में मॉरीशस की यात्रा कर चुके हैं। 1998 में, वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे। वहीं, 2015 की यात्रा के दौरान उन्होंने SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) नामक भारत के समुद्री सहयोग सिद्धांत की घोषणा की थी।

भारत मॉरीशस का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। यह द्वीप राष्ट्र, जो कभी ब्रिटेन और फ्रांस का उपनिवेश था, 1968 में स्वतंत्र हुआ था। दोनों देशों के विशेष संबंधों का एक बड़ा कारण यह है कि मॉरीशस की कुल 12 लाख की आबादी में लगभग 70 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं।

प्रधानमंत्री की इस यात्रा से पहले, भारत ने कहा कि वह हिंद महासागर में स्थित चागोस द्वीप समूह पर ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते का समर्थन करता है। यह मुद्दा पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम के बीच चर्चा में उठने की संभावना है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक समझौते के तहत घोषणा की थी कि वह चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता आधी सदी बाद मॉरीशस को सौंपेगा।