आतंक का पर्याय बन चुका पाकिस्तान चारो ओर से घिरता हुआ नजर आ रहा है। एक बार फिर उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर झटका लगा है। खबरों के मुताबिक, आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले देशों पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया है। दरअसल, आतंकवादियों को फंडिंग और मनीलांड्रिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करने और गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) और चीन की तरफ से विरोध वापस लेने के बाद एफएटीएफ ने ऐसा कदम उठाया है। इससे पहले खबर थी कि चीन एफटीएफ के इस कदम के विरोध में था लेकिन बाद में उसने भी अपने कदम पीछे खींच लिए।
पाकिस्तान को इतना बड़ा झटका देने में अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई है। पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका द्वारा ही यह प्रस्ताव पेश किया गया जिसके बाद भारत, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने समर्थन किया। खास बात यह है कि पाकिस्तान के गहरे दोस्त चीन ने भी ऐन वक्त पर उसका साथ छोड़ते हुए प्रस्ताव पर अपनी आपत्तियां वापस ले लीं। हालांकि फैसले की आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, आतंकवाद के खात्मे के लिए पाकिस्तान के कदमों से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संतुष्ट नहीं हैं।
बता दें कि, ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है। FATF का यह कदम पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि इसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर होगा जिसकी हालत पहले से काफी खस्ता है। पाकिस्तान को मनीलांड्रिंग के मामले में वर्ष 2012 से 2015 तक के लिए वॉच लिस्ट में डाल दिया गया था। लेकिन, इस बार आतंकियों या आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने के मामले में कार्रवाई की गई है।