भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने ताज़ा बयान में सीजफायर को लेकर ऐसी धमकी दी है जो साफ तौर पर एक राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश लगती है। सीएनएन को दिए इंटरव्यू में डार ने कहा कि अगर सिंधु जल संधि पर कोई हल नहीं निकलता है, तो युद्धविराम (सीजफायर) पर खतरा मंडरा सकता है। उन्होंने यहां तक कह डाला कि अगर इस मुद्दे को नहीं सुलझाया गया, तो इसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ यानी युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
डार का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया। इस अभियान में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। खुद पाकिस्तानी मीडिया ने माना कि इस कार्रवाई में उनके 11 सैनिक मारे गए और 70 से अधिक घायल हुए हैं।
इतना ही नहीं, जब पाकिस्तान ने भारत के आदमपुर एयरबेस को निशाना बनाने का झूठा दावा किया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अचानक आदमपुर एयरबेस जाकर सेना के जवानों से मुलाकात की। यह सिर्फ एक दौरा नहीं था, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था — भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।
डार की धमकियां कोई नई बात नहीं हैं। इससे पहले भी पाकिस्तान की ओर से परमाणु हमले की धमकियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ झूठ फैलाने की कोशिशें होती रही हैं। लेकिन भारत हर बार शांतिपूर्ण रवैये के साथ जवाब देता आया है — जब तक कि उसे मजबूर न किया जाए।
भारत की ओर से अभी तक इस ताज़ा बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह साफ है कि पाकिस्तान की ओर से ऐसे बयानों से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। ऐसे में सीजफायर को बनाए रखना और विवादों को कूटनीतिक माध्यमों से सुलझाना ही सबसे जिम्मेदार रास्ता होगा — वरना नुकसान दोनों तरफ का ही होगा।